फिल्म अभिनेता संजीव कुमार की जीवनी, फ़िल्में, पुरस्कार

Jan 28, 2023 - 08:20
Jan 26, 2023 - 14:40
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फिल्म अभिनेता संजीव कुमार की जीवनी, फ़िल्में, पुरस्कार
फिल्म अभिनेता संजीव कुमार की जीवनी, फ़िल्में, पुरस्कार

संजीव कुमार एक भारतीय फिल्म अभिनेता थे. उन्होंने दस्तक और कोशिश फिल्मों में उनके प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता वर्ग में दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार सहित कई प्रमुख पुरस्कार जीते. उन्होंने रोमांटिक नाटकों से लेकर थ्रिलर तक की शैलियों में अभिनय किया. उन्हें उनकी बहुमुखी प्रतिभा और उनके पात्रों के वास्तविक चित्रण के लिए याद किया जाता है. फिल्म अंगुर में उनकी दोहरी भूमिका फोर्ब्स इंडिया द्वारा भारतीय सिनेमा के 100 साल पूरे होने के अवसर पर भारतीय सिनेमा के 25 सर्वश्रेष्ठ अभिनय प्रदर्शनों में से एक थी.

संजीव कुमार का जन्म और प्रारंभिक जीवन

संजीव कुमार का जन्म 9 जुलाई 1938 को सूरत के एक गुजराती खत्री परिवार में हुआ था. इनका वास्तविक नाम हरिहर जेठालाल जरीवाला था. संजीव कुमार को हरिभाई के नाम से भी जाना जाता है. इनका प्रारंभिक जीवन सूरत में व्यतीत हुआ. जिसके बाद उनका परिवार अंततः मुंबई में बस गया. कुमार के दो छोटे भाई और एक बहन थी.

संजीव कुमार करियर

संजीव कुमार ने 1960 में फिल्म हम हिंदुस्तानी से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की थी. इन्होनें बतौर नायक(हीरो) पहली फिल्म वर्ष 1965 में “निशानी” थी. वर्ष 1968 में, इन्होंने फिल्म संघर्ष में प्रसिद्ध अभिनेता दिलीप कुमार के विपरीत अभिनय किया था. 1970 में खिलोना फिल्म ने उन्हें बॉलीवुड में पहचान दिलाई. जिसके बाद संजीव कुमार ने हिट फिल्म सीता और गीता (1972) और मंचली (1973) में भी अभिनय किया.

वर्ष 1970 के दशक की शुरुआत में सब्जीव कुमार ने जाने-माने निर्देशक गुलज़ार के साथ काम करना शुरू किया. उन्होंने गुलज़ार के साथ नौ फ़िल्में कीं. जिनमें आँधी (1975), मौसम (1975), अंगूर (1981) और नामकेन (1982) शामिल हैं. संजीव कुमार के प्रशंसकों का मानना ​​है कि ये कुछ बेहतरीन फिल्में हैं जिसमे संजीव कुमार का अभिनय अद्भुत हैं.

संजीव कुमार अपरंपरागत भूमिकाएं लेने के लिए तैयार थे. जिसने उन्हें एक अभिनेता के रूप में चुनौती दी. उनकी सर्वश्रेष्ठ – स्मरणीय ब्लॉकबस्टर फिल्मों में शोले (1975) और त्रिशूल (1978) थीं.

संजीव कुमार की मृत्यु

1980 के दशक की शुरुआत में संजीव कुमार ने मुख्य किरदार निभाने से अधिक सहायक किरदार किए. 6 नवम्बर 1985 को जब वे केवल सैंतालीस वर्ष के थे, तब उनका दिल की बीमारी के कारण निधन हो गया.

वर्ष 1993 में उनकी अंतिम फ़िल्म प्रोफेसर की पडोसन उनकी मृत्यु के बाद उनकी पहले से ही पूरी की गई फ़िल्में रिलीज़ हुईं. उनकी मृत्यु के समय यह फ़िल्म केवल 75% पूर्ण थी और कहानी के दूसरे भाग में इसे बदलने का निर्णय लिया गया था.

संजीव कुमार से जुड़े रोचक किस्से

संजीव कुमार जीवन भर कुंवारे रहे. वह अभिनेत्री हेमा मालिनी से प्यार करते थे और यहां तक ​​कि उन्होंने शादी का प्रस्ताव भी रखा था लेकिन उन्होंने मना कर दिया.

उन्होंने अभिनेत्री जया भादुड़ी को वास्तविक जीवन में अपनी बहन बनाया और उसके बाद फिल्मों में उनके साथ जोड़ी नहीं बनाई.

फिल्म उद्योग से उनके सबसे करीबी दोस्त राजेश खन्ना, हेमा मालिनी, शशि कपूर, शर्मिला टैगोर, तनुजा, देवेन वर्मा, शिवाजी गणेशन और बी नागी रेड्डी थे. अपने जूनियर्स के बीच अभिनेता, निर्माता और निर्देशक सचिन पिलगांवकर और अभिनेत्री सारिका के बहुत अच्छे दोस्त थे.

संजीव कुमार पुरस्कार और उपलब्धि

सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

1971 दस्तक – हामिद

1973 कोशीश – हरिचरण

फिल्मफेयर अवार्ड्स

संजीव कुमार को 14 फिल्मफेयर पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया. तीन बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता और शेष में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में नामित किया गया. उन्होंने दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और एक बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के रूप में पुरस्कार जीता.

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