मनोज बाजपेयी एक भारतीय फिल्म अभिनेता
मनोज बाजपेयी एक भारतीय फिल्म अभिनेता हैं, जोकि हिंदी सिनेमा के साथ-साथ तेलुगु और तमिल फिल्मों मे भी सक्रिय हैं। वह अपने एक्टिंग करियर मे अब तक दो नेशनल फिल्म अवार्ड और चार फिल्म फेयर अवार्ड जीत चुके हैं। मनोज को फिल्म 'भोंसले' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के 67वां राष्ट्रिय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
निजी जीवन
मनोज बाजपेयी का जन्म 23 अप्रैल 1969 को नरकटियागंज, बिहार में हुआ था। बाजपेयी बचपन से एक्टर बनना चाहते थे। मनोज ने अपनी हाई स्कूल तक की पढ़ाई बिहार के बेतिया जिले के के. आर. हाई स्कूल से की। 17 की उम्र में बाजपयी अपने गांव नारकाटिया से दिल्ली शिफ्ट हो गये। कॉलेज के दिनों में मनोज ने थियेटर करना शुरू कर दिया था।
करियर
मनोज बाजपेयी ने फिल्मी दुनिया में डेब्यू गोविन्द निल्हानी की फिल्म द्रोखाल से वर्ष 1994 में किया था। इसके बाद वाजपयी बायोग्राफिकल ड्रामा फिल्म बैंडिट क्वीन में नजर आये। लेकिन मनोज को हिंदी सिनेमा में पहचान फिल्म शूल से मिली। मनोज को हिंदी सिनेमा मे अपनी पहचान बनाने के लिए काफी स्ट्रगल करना पड़ा, लेकिन आज वह हिंदी सिनेमा में सर्वश्रेष्ठ एक्टर्स की श्रेणी मे आते हैं। अब तक मनोज बाजपेयी कई फिल्मों में काम कर चुके हैं, जिनमे, कलाकार, दाउद, तम्मना, सत्या, प्रेम कथा, कौन, शूल, फिजा, दिल पे मत ले यार, पिंजर, एलओसी कारगिल, वीर-जारा, जेल आदि शमिल हैं।
पुरस्कार
उन्हें फिल्मों से सम्बन्धित कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। उन्हें राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
मनोज बाजपेयी से जुड़े दिलचस्प फैक्ट्स
मनोज का जन्म बिहार के पश्चिम चंपारण स्थित बेलवा गांव में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था।
मनोज के दिल में बचपन से ही एक्टिंग को लेकर जबरदस्त क्रेज था। दिल्ली में पढ़ाई के दौरान उन्हें यूनिवर्सिटी में एक्टिंग के लिए प्लेटफॉर्म भी मिला। लेकिन जब मनोज ने अपने परिवार मे एक्टिंग में करियर बनाने की बात कही तो विरोध हुआ। गांव में पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने मजाक उड़ाना शुरू कर दिया।
मनोज बाजपेयी ने यह बात कई इंटरव्यूज बताई है कि उन्हें एनएसडी में एडमिशन ना मिलने का बहुत दुख हुआ था। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में ही बैरी जॉन के साथ थिएटर करना शुरू कर दिया।
मनोज ने अपना फिल्मी करियर 1994 में शेखर कपूर निर्देशित फिल्म 'बैंडिट क्वीन' से शुरु किया। लेकिन बॉलीवुड में उनको 1998 मे राम गोपाल वर्मा की फिल्म 'सत्या' से पहचान मिली। इस फिल्म के लिए उन्हे सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुआ।
मनोज बाजपेयी ने अपना टीवी करियर दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक स्वाभिमान के साथ शुरु किया। इसी धारावाहिक से आशुतोष राणा और रोहित रॉय को भी पहचान मिली थी।
साल 1999 मे आई फिल्म 'शूल' मे उनके किरदार समर प्रताप सिंह के लिए उन्हे फिल्मफेयर का सर्वोत्तम अभिनेता पुरस्कार मिला। अमृता प्रीतम के मशहूर उपन्यास 'पिंजर' पर आधारित फिल्म पिंजर के लिए उन्हें एक बार फिर से राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
मनोज अपनी वाइफ से साथ बहुत ही कम बाहर आते हैं, बताया जाता है कि, जब वे इंडस्ट्री में संघर्ष कर रहे थे तब वो दिल्ली की एक लड़की को डेट कर रहे थे और फिर उस लड़की से शादी कर ली। मनोज की ये शादी 2 महीना भी नहीं टिकी। इसके बाद 2006 में उन्होंने बॉलीवुड अभिनेत्री नेहा से शादी की। दोनों की एक छोटी सी बेटी है जिसका नाम अवा है।
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