रोहित शर्मा भारतीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर
रोहित शर्मा एक भारतीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं उन्हें व्यापक रूप से सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। वह आईपीएल में मुबई इंडियंस की कप्तानी करते हैं। इनकी कप्तानी में ही मुंबई इंडियंस रिकॉर्ड पांच बार चैंपियन बनी। इसके अलावा वह घरेलू क्रिकेट में मुंबई के लिए भी खेलते हैं।
उन्होंने अपने टेस्ट कैरियर की शुरुआत वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के खिलाफ 09 नवम्बर 2013 को कोलकाता के ईडन गार्डन्स मैदान पर खेलकर की थी उस मैच में रोहित ने 177 रनों की पारी खेली थी, उन्होंने 108 वनडे मैचों के बाद टेस्ट मैच खेला था। जबकि एक दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट कैरियर की शुरुआत 23 जून 2007 को आयरलैण्ड क्रिकेट टीम के विरुद्ध की थी। इनके अलावा रोहित ने अपने ट्वेन्टी-ट्वेन्टी में अपना पहला मैच 19 सितम्बर 2007 को इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ खेला था।
13 नवम्बर 2014 को कोलकाता के ईडन गार्डन्स मैदान पर श्रीलंकाई टीम के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए 264 रनों की पारी खेलकर एक दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक मैच में सबसे अधिक रन अर्थात सर्वोच्च स्कोर बनाकर नया कीर्तिमान कायम किया है। रोहित शर्मा एक दिवसीय क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा दोहरे शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी है। रोहित शर्मा क्रिकेट इतिहास में पहले ऐसे बल्लेबाज है जिन्होंने वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक, ट्वेन्टी-२० अंतरराष्ट्रीय में चार शतक है। उनकी कप्तानी में भारत ने 2018 में एशिया कप और निदास ट्रॉफी जीती।
फ़ोर्ब्स इण्डिया 2015 के भारत के 100 शीर्ष प्रसिद्ध व्यक्तियों में शर्मा को 8वाँ स्थान मिला। महेंद्र सिंह धोनी और गौतम गंभीर के बाद अपनी टीम को आईपीएल खिताब दिलाने वाले तीसरे कप्तान हैं। २०१८ एशिया कप में रोहित शर्मा को भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी मिली और फाइनल मैच में बांग्लादेश को हराकर खिताब भी जीता। 2022 मे श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने नया कीर्तिमान बनाया , वह T20 क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने |
रोहित टी-20 इंटरनेशनल में सबसे ज्यादा बार 51+ स्कोर करने वाले खिलाड़ी हैं| उन्होंने ये रिकॉर्ड २०२१ में न्यूजीलैंड के खिलाफ कोलकाता में अपने नाम किया था | इसी दौरान रोहित शर्मा ने टी-20 इंटरनेशनल में अपने 150 छक्के पूरे किए थे
व्यक्तिगत जीवन
रोहित शर्मा का जन्म भारतीय राज्य महाराष्ट्र के नागपुर ज़िले के बंसोड़ क्षेत्र में ३० अप्रैल १९८७ को हुआ था। इनकी माता पूर्णिमा शर्मा जो विशाखापट्नम से है। जबकि इनके पिता गुरुनाथ शर्मा जो किसी परिवहन कम्पनी में देखभाल करने वाले है। शर्मा का लालन पालन बोरीवली में उनके दादा और चाचा के साथ हुआ था क्योंकि उनके पिता की आय काफी कम थी। इनका एक छोटा भाई भी है जिसका नाम विशाल शर्मा है।
रोहित ने सन् १९९९ में अपने चाचा की आय से एक क्रिकेट कैम्प में खेलना आरम्भ किया था। उस समय रोहित के कोच दिनेश लाड थे और उन्होंने कहा था कि तुम अपनी विद्यालय को बदल कर स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में आ जाओ क्योंकि लाड वहीं पर कोच के पद पर कार्यरत थे इस कारण रोहित को क्रिकेट खेलने में ज्यादा सुविधा मिल सके।
उस समय रोहित को उस विद्यालय में जाने का मौका नहीं मिल पाया था और तब उन्होंने छात्रवृत्ति के लिए भी मांग की थी। बाद में रोहित ने अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत एक ऑफ़ स्पिनर के तौर पर की थी लेकिन बाद में लाड ने शर्मा को सलाह दी की तुझमें बल्लेबाज की काबिलियत ज्यादा है इसलिए एक अच्छा बल्लेबाज बनने का प्रयास करो, तब रोहित आठवें नम्बर पर बल्लेबाजी करते थे और लाड ने बाद में इनको ओपनिंग करने के लिए भेजना शुरू किया। जैसे ही रोहित ने बल्लेबाजी में मुख्य कदम रखा और पहली बार ओपनिंग की उस मैच में अपना पहला शतक जड़ा था।
कैरियर
घरेलू क्रिकेट
रोहित शर्मा ने अपने लिस्ट ए क्रिकेट की शुरुआत मार्च २००५ में वेस्ट जॉन की तरफ से खेलते हुए सेंट्रल जॉन के खिलाफ देवधर ट्रॉफी में ग्वालियर में की थी। उसके बाद उसी प्रतियोगिता के एक मैच में रोहित ने शानदार बल्लेबाजी की और महज १२३ गेंदों पर जबरदस्त १४२ रन बनाए यह मैच नार्थ जॉन के खिलाफ उदयपुर में खेला गया था। इस शतक से रोहित को काफी फायदा हुआ।[14]इसके बाद अबू धाबी में भारत ए की तरफ से खेलते हुए हुए रोहित ने शानदार प्रदर्शन किया और बाद में चैंपियंस ट्रॉफी के लिए ३० सदस्य टीम में चुना गया। हालांकि अंतिम सदस्य टीम में रोहित को जगह नहीं मिल पायी थी इसके बाद इन्होंने अपने रणजी ट्रॉफी शुरुआत की और बाद में एन के पी सेल्व चैलेंज ट्रॉफी में भी चुने गए।
शर्मा ने लिस्ट ए क्रिकेट के बाद प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत भारत ए के लिए न्यूजीलैंड ए के खिलाफ जुलाई २००६ में डार्विन में की थी।[15] इन्होंने रणजी ट्रॉफी कैरियर की शुरुआत मुम्बई क्रिकेट टीम के लिए २००६/०७ में की थ। उस दौरान रोहित ने गुजरात टीम के खिलाफ २६७ गेंदों पर शानदार २०५ रन बनाए थे। रोहित ने फाइनल मुकाबले में बंगाल के खिलाफ अर्द्धशतक से मुम्बई प्रतियोगिता में बना रहा।
अक्तूबर २०१३ में अजीत अगरकर ने संन्यास ले लिया था और रोहित इंडियन प्रीमियर लीग में मुम्बई इंडियन्स टीम के कप्तान बन गए और अब तक सबसे सफल कप्तान है। रोहित के लगातार अच्छे प्रदर्शन के कारण २०१३-१४ के सीजन में मुम्बई टीम का कप्तान नियुक्त किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट
रोहित शर्मा को नियमित ओवरों के खेल में २००७ में भारतीय क्रिकेट टीम ने आयरलैण्ड का दौरा किया उसमें शामिल किया गया था। इसके बाद इन्होंने अपने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैरियर की शुरुआत बेलफास्ट में आयरलैण्ड टीम के खिलाफ की, हालांकि उस मैच में इनको बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिल पाया था।
लेकिन आखिरकार रोहित ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए २० सितम्बर २००७ को २००७ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जबरदस्त ४० गेंदों पर ५० रन बनाए। और उस मैच में जीत भी मिली थी जिसके कारण भारत प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में पहुंचा था। उस मैच में भारतीय टीम ने महज ६१ रनों पर ४ विकेट खो दिए बाद में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ मिलकर ८५ की भागीदारी की और भारत कुल ५ विकेट खोकर १५३ रनों तक पहुँच पाया था। साथ ही उस मैच का मैन ऑफ़ द मैच भी रोहित को चुना गया था। बाद में उसी विश्व ट्वेन्टी २० के फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान टीम के खिलाफ मात्र १६ गेंदों पर ३० रनों की पारी खेली थी।
१८ नवम्बर २००७ को राजस्थान के जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम पर पाकिस्तान के खिलाफ रोहित शर्मा ने अपना पहला एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अर्द्धशतक लगाया। और बाद में २००७-०८ की कॉमनवेल्थ बैंक श्रृंखला के लिए १६ सदस्य टीम में चुने गए जो ऑस्ट्रेलिया में होने वाली थी। वहां उस श्रृंखला में इन्होंने ३३.५७ की औसत से कुल २ अर्द्धशतकों की मदद से २३५ रन बनाए जिसमें फाइनल मुकाबले में सिडनी में शानदार ६६ रनों की पारी खेली। यह कॉमनवेल्थ श्रृंखला रोहित के लिए बहुत अच्छी रही।
हालांकि, उनकी वनडे के प्रदर्शन में बाद में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और उसके मध्यक्रम स्थिति में सुरेश रैना ने जगह ले ली।
दिसम्बर २००९ में इन्होंने रणजी ट्रॉफी के एक मैच में तिहरा शतक लगाया था जिसके कारण चयनकर्ताओं सोचने पर मजबूर कर दिया और फिर बाद में इनको त्रिकोणीय श्रृंखला के लिए बांग्लादेश में वनडे टीम में वापस बुलाया गया था क्योंकि उस समय सचिन तेंदुलकर को आराम दिया गया था। हालांकि, विराट कोहली और सुरेश रैना अंतिम एकादश में इनसे पहले चयन किया गया था, लेकिन उनको भारत के पांच मैचों में से किसी में नहीं खेल पाए थे।
फ़रवरी २०१० में रोहित शर्मा को भारतीय टेस्ट टीम के लिए बुलाया गया था क्योंकि उस दौरान वी वी एस लक्ष्मण चोट से जूझ रहे थे इस कारण शर्मा को अपना पहला टेस्ट मैच खेलना का मौका दिया गया। लेकिन बाद में बल्लेबाज के बजाय बल्लेबाज और विकेटकीपर दोनों के लिए रिद्धिमान साहा को शामिल किया।
रोहित ने अपना पहला वनडे शतक २८ मई २०१० को ज़िम्बाब्वे क्रिकेट टीम के खिलाफ बनाया था उस मैच में इन्होंने ११४ रनों की पारी खेली थी। और बाद में अगले ही मुकाबले ३० मई २०१० को त्रिकोणीय श्रृंखला में श्रीलंका के खिलाफ एक और शतक लगा दिया था उस मैच में रोहित ने नाबाद ११० रन बनाए थे।
इनको २०११ क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम में जगह नहीं दी गई थी।
निजी जीवन
अप्रैल २०१५ में रोहित शर्मा ने अपनी स्पोर्ट्स मैनेजर रितिका सजदेह से सगाई की थी और बाद में १३ दिसम्बर २०१५ को दोनों ने शादी कर ली।
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