जमशेदपुर शहर- भारत का औद्योगिक शहर
जमशेदपुर जिसका दूसरा नाम टाटानगर भी है, भारत के झारखंड राज्य का एक शहर है। यह झारखंड के दक्षिणी हिस्से में स्थित पूर्वी सिंहभूम जिले का हिस्सा है। जमशेदपुर की स्थापना को पारसी व्यवसायी जमशेदजी नौशरवान जी टाटा के नाम से जोड़ा जाता है। १९०७ में टाटा आयरन ऐंड स्टील कंपनी (टिस्को) की स्थापना से इस शहर की बुनियाद पड़ी। इससे पहले यह साकची नामक एक आदिवासी गाँव हुआ करता था। यहाँ की मिट्टी काली होने के कारण यहाँ पहला रेलवे-स्टेशन कालीमाटी के नाम से बना जिसे बाद में बदलकर टाटानगर कर दिया गया। खनिज पदार्थों की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता और खड़कई तथा सुवर्णरेखा नदी के आसानी से उपलब्ध पानी, तथा कोलकाता से नजदीकी के कारण यहाँ आज के आधुनिक शहर का पहला बीज बोया गया।
जमशेदपुर आज भारत के सबसे प्रगतिशील औद्योगिक नगरों में से एक है। टाटा घराने की कई कंपनियों के उत्पादन इकाई जैसे टिस्को, टाटा मोटर्स, टिस्कॉन, टिन्पलेट, टिमकन, ट्यूब डिवीजन, इत्यादि यहाँ कार्यरत है।
जमशेदपुर सही मायने में एक अत्याधुनिक औद्योगिक नगरी है। यहाँ के कुछ प्रमुख कारखाने हैं:
टिस्को, टेल्को, टायो, उषा मार्टिन, जेम्को, टेल्कान, बीओसी, तार कंपनी, टीआरएफ, टिनप्लेट,
आधुनिक स्टील एन्ड पावर लिमिटेड्, कोहिनुर स्टील एन्ड पावर लिमिटेड्, जेमिपोल्, एन एम एल आदि। साकची यहाँ का एक प्रमुख व्यापारिक केन्द्र है।
जमशेदपुर सड़क और रेल-मार्ग द्वारा पूरे देश से जुड़ा हुआ है। हावड़ा मुम्बई रेल मार्ग पर स्थित होने के कारण टाटानगर दक्षिणपूर्व रेलवे के अत्यंत व्यस्त स्टेशनों में से गिना जाता है। राष्ट्रीय राजमार्गे 18 यहाँ से होकर गुजरती है। नगर के उत्तर पूर्वी हिस्से में एक सोनारी हवाई अड्डा है जो वायुदूत की सेवाओं से जुड़ा है। शहर की ज्यादातर सड़कों का रखरखाव टाटा परिवार के द्वारा होने की वजह से यहाँ की सड़के झारखंड में अन्य शहरों की अपेक्षा काफी अच्छी हैं।
वायु यातायात: जमशेदपुर एयर डेकन द्वारा कोलकाता के हवाई अड्डा द्वारा जुड़ा हुआ है। इसके अलावा एक और प्राइवेट एयरलाइंस हफ्ते में दो दिन यहां के लिए दिल्ली से उड़ान भरती है। इस हवाई अड्डे का ज्यादा उपयोग कारपोरेट जहाजों के आगमन-प्रस्थान के लिए किया जाता है। इसके अलावा यहाँ उड़ान प्रशिक्षण के लिए स्थापित जमशेदपुर को-आपरेटिव फ्लाईंग क्लब तथा टाटानगर एवियेशन द्वारा इसका इस्तेमाल किया जाता है। कोलकाता के अतिरिक्त यहाँ निकटतम हवाई अड्डा राँची का बिरसा मुंडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो यहाँ से लगभग १२० किलोमीटर की दूरी पर है।
रेल-मार्ग: टाटानगर (जमशेदपुर) दक्षिणपूर्व रेलवे के सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है और यह सीधे-सीधे भारत के प्रमुख शहरों जैसे कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, पटना, रायपुर, भुवनेश्वर, नागपुर इत्यादि से जुड़ा हुआ है। रेलवे स्टेशन को टाटानगर के नाम से जाना जाता है।
सड़क मार्ग: जमशेदपुर सड़क मार्ग द्वारा भारत के सभी बड़े शहरों से जुड़ा है। शहर से होकर राष्ट्रीय राजमार्ग 33 (बहरागोड़ा से बरही) गुजरती है जो राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 से जुड़ती है जिससे कोलकाता एवं दिल्ली जुड़े हुए हैं। राँची (131 किलोमीटर), पटना, गया, कोलकाता (250 किलोमीटर) सहित कई बिहार, बंगाल, एवं उड़ीसा के अन्य प्रमुख शहरों से जमशेदपुर के लिए सीधी बस सेवा उपलब्ध (सरकारी एवं निजी) है।
अंदरुनी यातायात: शहर के अंदर परिभ्रमण के लिए ज्यादातर मिनी बसें, तिपहिया वाहन, एवं रिक्शा शहर के सभी हिस्सों में आमतौर पर उपलब्ध हैं।
कालेज एवं शोध संस्थान
राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, XLRI, जमशेदपुर को-आपरेटिव कालेज, जमशेदपुर विमेंस कालेज[4] , करीम सिटी कालेज, ग्रैजुएट कालेज फार वीमेन, जमशेदपुर वर्कर्स कालेज अब्दुल बारी मेमोरियल कालेज, जनता पारिख कालेज, लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल कालेज, श्यामाप्रसाद मुखर्जी कालेज, मिसेज के एम पी एम इंटर कालेज,राजकीय पॉलिटेक्निक आदित्यपुर
स्कूल
लोयला स्कूल (सोनारी),सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल, नॉर्दर्न टाउन, डीबीएमएस (साक्ची), हिलटाप स्कूल (टेल्को कालोनी), गुलमोहर (टेल्को कालोनी), राजेन्द्र विद्यालय (साक्ची), विवेक विद्यालय (छोटा गोविंदपुर), लेडी इंदर सिंह स्कूल (तार कंपनी - इंदरनगर), राजस्थान विद्यामंदिर (साक्ची),
लौहनगरी के रूप में विख्यांत जमशेदपुर केवल झारखंड में नहीं, बल्कि पूरे विश्वय पटल पर चर्चित है। इसे टाटानगर के भी नाम से जाना जाता है। पर्यटन की दृष्टि से टाटानगर का महत्वम अंतराष्ट्री य स्त्र पर भी है। इसे हाल में ही इंटरनेशनल क्ली्न सिटी' के अवार्ड से नवाजा गया है। लोग पूरे विश्वज से इस लौहनगरी को देखने आते है। टिस्को्, टेल्को जैसे अंतर्राष्टीवय स्त र के कारखाने के अलावा डिमना लेक, जुबली पार्क, दलमा पहाड़, हुडको लेक, मोदी पार्क, कीनन स्टेीडियम आदि ऐसे जगह है जहां पर्यटक घूम सकते है।
यह पार्क टाटा स्टी ल ने अपने 50 वर्ष पूरे करने के उपरान्तक बनवा कर यहां के निवासियों को तोहफे स्व रुप भेंट की थी। 225 एकड़ भूमि में फैले इस पार्क का उदघाटन 1958 ई. में उस समय के तत्का़लीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने किया था। वृंदावन गार्डन के तर्ज पर बने इस पार्क में गुलाब के लगभग एक हजार किस्मड के पौधें लगे हुए हैं। इस पार्क मंक एक चिल्ड्रेन पार्क भी है। हाल में ही यहां एक एम्यु।जमेंट पार्क का निर्माण किया है। एम्यूेजमेन्ट पार्क में अनेक किस्मन के झूले लगे हूए है। हरेक साल 3 मार्च को जमशेदजी नौसरवानजी टाटा की याद में पूरे पार्क को बिजली के रंगीन बल्वों के द्वारा बडे़ भव्यप तरीके से सजाया जाता है। इस दिन पूरे विश्वद से हजारों की संख्याक में लोग यहां इस कार्यक्रम में शरीक होने आते है। यह कार्यक्रम तीन दिनों तक चलता है। इस पार्क के एक हिस्से में छोटा सा चिडियाघर भी है।
पूर्व में इसे जुबली लेक के नाम से जाना जाता था। 40 एकड़ में फैले इस झील को विशेष तौर पर बोटिंग के लिए बनाया गया है। इस झील के बीचोंबीच एक आइलैण्डग का निर्माण किया गया है जो कि इसकी सुन्दकरता में चार चांद लगाता है। इसके साथ ही पर्यटक बोटिंग के दौरान इस आईलैण्डद का इस्तेसमाल आराम फरमाने के लिए भी करते है।
3000 फीट की ऊंचाई पर स्थित तथा 193 वर्ग किलोमीटर में फैले इस अभ्याीरण्यथ का उदघाटन स्वडर्गीय संजय गांधी ने किया था। यहां पर जंगली जानवरों को नजदीक से देखने के लिए अनेक जगह विशेष रूप से बनाए गए है जहां से पर्यटक आसानी से जंगली जानवर जैसे हाथी, हरिण, तेदूंआ, बाघ्ा आदि को देख सकते है। इसके अलावा दुर्लभ वन संपदा यहां देखा जा सकता है।.रात को दलमा पहाड़ी की चोटी से टाटानगर का नजारा बिल्कुैल आकाश में टिमटिमाते तारें के समान प्रतीत होता है। यहां पर पर्यटकों के ठहरने के लिए टाटास्टीपल तथा वन विभाग द्वारा गेस्टक हाउस का भी निर्माण किया गया है। यहां पर एक गुफा में भगवान शिव का प्राकृतिक मंदिर है। जिन्हें श्रद्धा से लोग दलमा बाबा कहते हैं।.इन्हें जमशेदपुर का संरक्षक देवता भी कहा जाता है।. सावन के दिनों में तथा शिवरात्रि के दिन इन मंदिरों को भव्य। तरीके से सजा कर यहां पर पूजा अर्चना की जाती है। दलमा पहाड़ी हाथियों की प्राकृतिक आश्रयस्थली है।.प्रशासनिक दृष्टिकोण से देखें तो झारखंड के पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां से लेकर पश्चिम बंगाल के पुरूलिया जिले के बेलपहाड़ी तक इसका दायरा फैला है।.दलमा पहाड़ी में कई आदिवासी गांव हैं।.
यह जमशेदपुर शहर से 13 किमी की दूरी पर स्थित है। दलमा पहाड़ी की तलहटी में बने इस कृत्रिम झील को देखने सालों भर पर्यटक आते रहते है। दिसम्ब्र-जनवरी में महीने में पर्यटक यहां विशेष तौर पिकनिक मनाने आते है। इस झील का निर्माण टाटा स्टीरल ने जल संरक्षण के लिए तथा यहां के निवासियों के लिए करवाया था।
पूरे झारखंड में केवल कीनन स्टेएडियम ही अंतर्राष्टीतय स्त र का क्रिकेट ग्राउंड है। शहर के ठीक बीच में स्थित इस मैदान पर अब तक कई अंतर्राष्टीशय क्रिकेट मैच का आयोजन हो चुका है। मोहाली क्रिकेट ग्राउंड के बाद इसे सबसे सुन्दहर क्रिकेट ग्राउंड समझा जाता है।
हुडको झील जमशेदपुर में छोटा गोविंदपुर और टेल्को कॉलोनी के बीच स्थित टाटा मोटर्स द्वारा निर्मित एक कृत्रिम झील है। कंपनी द्वारा इस क्षेत्र को एक पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित किया गया है।
मैरिन ड्राईव पर स्थित दुमुहानी, सुवर्ण रेखा और खरकई नदियों का संगम स्थल है।
इसके अलावा दोरवाजी टाटा पार्क, भाटिया पार्क, जेआरडी टाटा कॉम्प लेक्सा, पटमदा में स्थित लावजोड़ा हथीखेदा मंदिर, गोलपहाड़ी मंदिर, भुवनेश्वथरी मंदिर, सूर्य मंदिर आदि भी ऐसे अनेक स्थाहन है जहां पर्यटक घूम सकते है।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अखबारों की पहुँच के साथ-साथ जमशेदपुर से निम्नलिखित समाचारपत्र प्रकाशित होते हैं:- प्रभात खबर प्रभात-ख़बर का आधिकारिक जालस्थल, उदितवाणी, दैनिक जागरण, दैनिक हिन्दुस्तान, चमकता आईना, न्यू इस्पात मेल..इसके अलावा यहां क्षेत्रीय समाचार चैनल ई टीवी बिहार-झारखंड और सहारा समय बिहार झारखंड का भी दफ्तर है।.कई पत्रिकायें जमशेदपुर से प्रकाशित होती है जिसमें झारखंड प्रदीप, राष्ट्रसंवाद, लहर चक्र, जमशेदपुर रिसर्च रिव्यु आदि शामिल है।.मीडियाकर्मियों की प्रतिनिधि संस्था जमशेदपुर प्रेस क्लब यहां कार्यरत है।
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