म्यांमार देश का इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था तथा महत्वपूर्ण घटनाएं
विश्व के भूगोल में म्यांमार देश का एक अलग ही स्थान है| इस देश में कई ऐसी बातें है जो इस देश को अन्य देशों से अलग करती है जैसे की भाषा, रहन सहन, वेश-भूषा, संस्कृति, धर्म, व्यवसाय| आइये जानते है म्यांमार (Myanmar) देश से जुड़े कुछ ऐसे अनोखे तथ्य तथा इतिहास से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में, जिन्हें जानकर आपका ज्ञान बढ़ेगा|
म्यांमार देश का इतिहास
बर्मी भाषा में, म्यांमार को म्यन्मा या बमा नाम से जाना जाता है।ब्रिटिश राज के बाद इस देश को अंग्रेजी में 'बर्मा' कहा जाने लगा। सन् 1989 मे देश की सैनिक सरकार ने पुराने अंग्रेजी नामों को बदल कर पारंपरिक बर्मी नाम कर दिया। इस तरह म्यांमार को 'म्यन्मा' और पूर्व राजधानी और सबसे बड़े रंगून को यांगून नाम दिया गया है। पुरातात्विक साक्ष्यों से पता चलता है कि होमो इरेक्टस उस क्षेत्र में रहते थे जिसे अब 750,000 साल म्यांमार के रूप में जाना जाता है। जिसके बाद 12 वीं और 13 वीं शताब्दी में, मुख्य रूप से दक्षिण पूर्व एशिया में पगन साम्राज्य और खमेर साम्राज्य दो मुख्य शक्तियाँ थीं। जिसमें से एक म्यांमार में स्थापित थी 4 जनवरी 1948 को, बर्मा इंडिपेंडेंस एक्ट 1947 की शर्तों के तहत, राष्ट्र एक स्वतंत्र गणराज्य बन गया। नए देश का नाम बर्मा यूनियन रखा गया, जिसमें साओ श्वे थिक इसके पहले अध्यक्ष और यू नू इसके पहले प्रधानमंत्री थे।
म्यांमार देश का भूगोल
यहाँ की जलवायु उष्णकटिबंधीय है जिसमें तीन ऋतुएँ होती हैं : प्रथम, वर्षा ऋतु, जो मध्य मई से मध्य अक्टूबर तक रहती है; द्वितीय, ग्रीष्म ऋतु, जो अप्रैल-मई से अक्टूबर या नवंबर तक रहती है। तृतीय, जाड़े की ऋतु, जो दिसंबर से मार्च तक रहती है। मानसून के मौसम में ऊपरी म्यान्मार में 200 इंच था दक्षिण में स्थित रंगून में 100 इंच तक वर्षा होती है। मध्य के शुष्क भाग में 25 से 35 इंच वर्षा होती है। निम्न म्यांमार का जाड़े का ताप 15.5 डिग्री सें. तथा गरमी का ताप 38 डिग्री सें. तक रहता है। मध्य म्यान्मार में गरमी का ताप निम्न म्यांमार के जाड़े के ताप से अधिक तथा गरमी के ताप से कम हो जाता है।
म्यांमार देश की अर्थव्यवस्था
म्यांमार पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन, गुटनिरपेक्ष आंदोलन, आसियान और बिम्सटेक का सदस्य है, लेकिन यह राष्ट्रमंडल राष्ट्र का सदस्य नहीं है। यह जेड और जवाहरात, तेल, प्राकृतिक गैस और अन्य खनिज संसाधनों से समृद्ध देश है। म्यांमार भी अक्षय ऊर्जा से संपन्न है; यह महान मेकांग उपमंडल के अन्य देशों की तुलना में सबसे अधिक सौर ऊर्जा क्षमता है। 2013 में, इसकी जीडीपी (नाममात्र) 56.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर और यूएसडीपी (पीपीपी) 221.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी। म्यांमार में आय का अंतर दुनिया में सबसे व्यापक है, क्योंकि अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा पूर्व सैन्य सरकार के समर्थकों द्वारा नियंत्रित है। 2016 तक, मानव विकास सूचकांक के अनुसार, म्यांमार मानव विकास में 188 देशों में से 145 रैंक पर है।
म्यांमार देश की भाषा
बर्मी भाषा, स्वतंत्र देश म्यांमार (बर्मा) की राजभाषा है। यह मुख्य रूप से ब्रह्मदेश (बर्मा का संस्कृत नाम) में बोली जाती है। म्यांमार की सीमा से सटे भारतीय राज्यों असम, मणिपुर एवं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी कुछ लोग इस भाषा का प्रयोग करते हैं।
म्यांमार देश से जुड़े रोचक तथ्य और अनोखी जानकारियाँ
म्यांमार एशिया के दक्षिण में स्थित है जिसे 1989 से पूर्व बर्मा के नाम से जाना जाता था जो 1937 से पहले ब्रिटिश इंडिया का एक भाग था।
म्यांमार की सीमाएं दक्षिण-पूर्व मे लाओस ओर थाईलैंड से, उत्तर पश्चिमी में भारत और बांग्लादेश से और उत्तर मे तिब्ब्त और चीन से लगती है।
म्यांमार की वर्तमान में राजधानी नैप्यीदा (Naypyidaw) जो 2005 में यहाँ की राजधानी बनी उससे पहले यहाँ की राजधानी रंगून (यांगून) थी।
म्यांमार ने 4 जनवरी 1948 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता हासिल की और 1948 से ही वहाँ ग्रहयुद्ध शुरू हो गया जो वर्तमान में भी जारी है।
म्यांमार में जातीय संघर्ष को देखते हुए वहाँ 1962 से 2011 तक सैन्य शासन चला था।
म्यांमार का कुल क्षेत्रफल 676,578 वर्ग कि.मी. (261,228 वर्ग मील) हैं।
म्यांमार की आधिकारिक भाषा बर्मी है।
म्यांमार की मुद्रा का नाम क्यात है।
विश्व बैंक के अनुसार 2016 में म्यांमार की कुल जनसंख्या 5.29 करोड़ थी।
म्यांमार में अधिकत्तर लोगो का धर्म थेरावाड़ा बौद्ध धर्म है जो वहाँ का राष्ट्र धर्म है।
म्यांमार में प्रमुख जातीयसमूह बामर,शान, करेन, राखीन और सोम हैं।
म्यांमार की जलवायु उष्णकटिबंधीय है जिसमें तीन ऋतुएँ हैं पहली वर्षा ऋतु जो मई से अक्टूबर तक, दूसरी ग्रीष्म ऋतु जो अप्रैल-मई से अक्टूबर या नवंबर तक, तीसरी शीत ऋतु जो दिसंबर से मार्च तक रहती है।
म्यांमार का सबसे ऊँचा पर्वत हक्काबो राज़ी (Hkakabo Razi) है, जिसकी ऊंचाई 5,881 मीटर है यह दक्षिण एशिया का सबसे ऊँचे पर्वतों में से एक है।
म्यांमार में सबसे प्रसिद्ध बौध मंदिर श्वेडेगन पगोडा (Shwedagon Pagoda) है जिसे 1372 ई. में खोला गया था।
म्यांमार के सबसे प्रसिद्ध मंदिर श्वेडेगन पगोडा की विशेष बात यह है की इसमें गौतम बुद्ध के अवशेष रखे हुए है और इसके शीर्ष पर 4,500 से अधिक हीरे लगे हुये है।
देश की ऐतिहासिक महत्वपूर्ण घटनाएं
29 फरवरी 1752 - अलबंगपाया, ऊपरी बर्मा में एक ग्राम प्रधान, ने कोनबंग राजवंश की स्थापना की; अपनी मृत्यु के समय तक, उन्होंने म्यांमार के सभी लोगों को एकजुट कर दिया था, और फ्रांसीसी और ब्रिटिशों को बाहर निकाल दिया था।
05 अप्रैल 2002 - भारत, म्यांमार व थाइलैंड के बीच मोरे-कलावा-मांडले सड़क परियोजना पूरी करने हेतु सहमति हुई।
20 अक्टूबर 2007 - अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने म्यांमार के सैन्य शासकों के ख़िलाफ़ नये प्रतिबन्ध लगाने की घोषणा की।
03 जून 2007 - म्यांमार और लाओस सीमाओं के पास दक्षिणी चीन में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे लोग हताहत हुए।
02 मई 2008 - म्यांमार (बर्मा) में भयंकर चक्रवाती तूफान "नरगिस" के आने से करीब 1,38,000 लोग मारे गए और लाखों लोग बेघर हुए।
02 मई 2008 - चक्रवात नरगिस म्यांमार के इतिहास में सबसे हानिकारक चक्रवात है, जो 2 मई, 2008 को हुआ था। इसने बड़े पैमाने पर विनाशकारी विनाश किया था और 55,000 लोगों को छोड़कर 130,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। यह 27 अप्रैल को बनना शुरू हुआ और म्यांमार के अय्यारवाडी डिवीजन में अपनी चरम शक्ति पर 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लैंडफॉल बना।
16 जून 2012 - बहुराष्ट्रीय शीतल पेय कंपनी कोका कोला ने म्यांमार में 60 वर्षों के बाद कारोबार शुरू किया।
05 जनवरी 2012 - विलियम हेग ने म्यांमार का 2 दिवसीय दौरा शुरू किया। यह माना जाता है कि विदेशी और सामान्य राष्ट्र मामलों के लिए ब्रिटेन के सचिव की यात्रा ऐतिहासिक होगी।
27 सितम्बर 2012 - अमेरिका ने घोषणा की कि वह अपने एक प्रतिबंध को हटाने की मांग करेगा। यह प्रतिबंध म्यांमार से आयातित वस्तुओं पर था।
01 अक्टूबर 2013 - एक बौद्ध भीड़ 70 से अधिक मुस्लिम घरों में घुसती है और म्यांमार के राखाइन राज्य में 94 वर्षीय एक महिला की हत्या कर देती है।
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