गुजरात का हृदय 'अहमदाबाद' - एक उभरते शहर की कहानी

Jan 7, 2023 - 08:06
Jan 6, 2023 - 14:37
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गुजरात का हृदय 'अहमदाबाद' - एक उभरते शहर की कहानी
गुजरात का हृदय 'अहमदाबाद'

अहमदाबाद (Ahmedabad) या अमदावाद (Amdavad) या कर्णावती (Karnavati) भारत के गुजरात राज्य का सबसे बड़ा नगर है। यह अहमदाबाद ज़िले का मुख्यालय भी है। भारतवर्ष में यह नगर का सातवें स्थान पर है। इक्क्यावन लाख की जनसंख्या वाला ये शहर, साबरमती नदी के किनारे बसा हुआ है। १९७० में गांधीनगर में राजधानी स्थानांतरित होने से पहले अहमदाबाद ही गुजरात की राजधानी हुआ करता था। प्रारम्भ में अहमदाबाद को अशावल कहा जाता था। इस शहर की बुनियाद सन १४११ में डाली गयी थी। शहर का नाम सुलतान अहमद शाह पर पड़ा था।

इतिहास
अहमदाबाद को "भारत का मेनचेस्टर" भी कहा जाता है। वर्तमान समय में, अहमदाबाद को भारत के गुजरात राज्य के एक प्रमुख औद्योगिक शहर के रूप में जाना जाता है। अहमदाबाद का इतिहास भील राजाओं से प्रारंभ होता है। देवेन्द्र पटेल जी की श्रंखला " पटेल महाजाती " में भील राजा आशा भील जी को पटेलो का कड़वा पूर्वज बताया गया है , अंतिम भील राजा आशा भील थे । राजा आशा भील के समय अहमदाबाद साम्राज्य या अशावाल साम्राज्य , आशावाल की साबरमती से लेकर कच्छ तक फैला हुआ था। कई इतिहासकारों ने कर्णदेव और अहमदशाह को भील राजा से संघर्ष करते हुए दिखाया है और फिर अहमदाबाद पर इन तीनों राजाओं का शासन इतिहास में बताया है।

ऐतिहासिक तौर पर, भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान अहमदाबाद प्रमुख शिविर आधार रहा है। इसी शहर में महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम की स्थापना की और स्‍वतंत्रता संघर्ष से जुड़ें अनेक आन्‍दोलन की शुरुआत भी यही से हुई थी। अहमदाबाद बुनाई के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। इसके साथ ही यह शहर व्यापार और वाणिज्य केन्द्र के रूप में बहुत अधिक विकसित हो रहा है। अंग्रेज़ी हुकूमत के दौरान, इस जगह को फ़ौज़ी तौर पर इस्तमाल किया जाता था। अहमदाबाद इस प्रदेश का सबसे प्रमुख शहर है। वर्तमान समय में अहमदाबाद को भारत के गुजरात प्रांत की राजधानी होने के साथ साथ अहमदाबाद को एक प्रमुख औद्योगिक शहर के रूप में जाना जाता है। ऐतिहासिक तौर पर, अहमदाबाद भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान प्रमुख शिविर आधार रहा है। महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम की स्थापना अहमदाबाद में की और स्‍वतंत्रता संघर्ष से जुड़ें अनेक आन्‍दोलन की शुरुआत भी यहीं से हुई थी। ऊन की बुनाई के लिए भी अहमदाबाद काफ़ी प्रसिद्ध है। इसके साथ ही अहमदाबाद शहर व्यापार और वाणिज्य केन्द्र के रूप में बहुत अधिक विकसित हो रहा है।

भूगोल
पश्चिम भारत में बसा ये शहर, समुद्र से १७४ फ़ुट की ऊंचाई पर स्थित है। शहर में दो झीलें हैं - कंकरिया और वस्त्रापुर तालाब. साबरमती नदी के गर्मी के मौसम में सूख जाने के कारण, नदी की जगह सफ़ेद मिट्टी रह जाती है। बारिश के महिनों के अलावा पूरे साल गर्मी का माहौल रहता है। सबसे उच्च तापमान ४७ डिग्री तक पहंचता है और कम से कम ५ डिग्री ठंड के समय।

प्रशासन
अहमदाबाद "महानगरपालिका निगम" इस शहर के देख रेख का काम सम्भालता है और कुछ भाग औडा सम्भालता है।

पर्यटन
काँकरिया झील
इस झील का निर्माण कुतुब-उद्-दीन ने 1451 ईसवी में करवाया था। आज के समय में अहमदाबाद के निवासियों के बीच यह जगह सबसे अधिक प्रसिद्ध है। इस झील के चारों ओर बहुत ही खूबसूरत बगीचा है। झील के मघ्य में बहुत ही सुंदर द्वीप महल है। जहां मुगल काल के दौरान नूरजहां और जहांगीर अक्सर घूमने जाया करते थे। आज कांकरिया झील अहमदाबाद मे घुमने लायक महत्वपूर्ण जगह है। जो आज कांकरिया लेकफ़्रंट के नाम से प्रसिध है ।

हठीसिंह जैन मंदिर
सजावट के साथ जटिल नक्काशी इस मंदिर की प्रमुख विशेषता है। इस मंदिर का निर्माण सफेद संगमरमर पर किया गया है। हाथीसिंह जैन मंदिर अहमदाबाद के प्रमुख जैन मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण 19 वीं शताब्दी में रिचजन मर्चेंट ने किया था। इस मंदिर को उन्होंने जैनों के 15 वें trithanker धर्मनाथ bhagwaan को समर्पित किया था।

जामा मस्जिद
जामा मस्जिद का निर्माण 1423 ईसवी में किया गया। पश्चिम भारत में स्थित यह बेहद ही खूबसूरत मस्जिद है। यह मस्जिद बेहतरीन कारीगरी का अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करता है।

रानी सिपरी मस्जिद
एक अन्य खूबसूरत मस्जिद जो रानी सिपरी के नाम से जानी जाती है। इसका निर्माण महमूद शाह बेगड़ा की रानी ने 1514 ईसवी में करवाया था। रानी की मृत्यु होने के बाद उनके शव को यहीं पर दफनाया गया था।

साबरमती आश्रम
इस आश्रम की स्थापना महात्मा गांधी ने 1915 ईसवी में की थी। यहीं से गांधी जी ने दांडी यात्रा की शुरूआत की थी। इसके अलावा यहां प्रमुख भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों की नींव भी रखी गई। आज साबरमती आश्रम साबरमती रिवरफ़्रंट पार्क के सामने है ।

केलिको संग्रहालय
इस संग्रहालय में पुराने और आधुनिक ढंग की बुनाई की कारीगरी प्रदर्शित की गई है। इसके अलावा यहां कुछ पुरानी बुनाई मशीन भी रखी गई है। इस संग्रहालय में संग्रहित सामान 17वीं शताब्दी से भी पहले के हैं। इसके अतिरिक्त यहां बुनाई से सम्बन्धित एक पुस्तकालय भी मौजूद है।

आवागमन
यहां जाने के लिए सबसे उत्तम समय अक्टूबर से फरबरी तक का है। इसके अलावा नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि उत्सव (अक्टूबर-नवम्बर) में भी जाया जा सकता है।

हवाई मार्ग-
यहां सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट है। यह प्रमुख भारतीय शहरों के साथ साथ विदेशों जैसे, कोलंबो, मशकट, लंदन और न्यूयार्क को भी जोड़ता है।

रेल मार्ग-
अहमदाबाद स्टेशन (kalupur station)देश के लगभग सभी प्रमुख स्‍टेशनों से सीधे तौर पर जुडा हुआ है।

सड़क मार्ग-
अहमदाबाद की दूरी मुम्‍बई से लगभग 545 किलोमीटर तथा दिल्‍ली से 873 किलोमीटर है। यहां मुम्‍बई से बस द्वारा भी जाया जा सकता है।

व्यापार और उद्योग
अहमदाबाद की लगभग आधी आबादी सूती वस्त्र उद्योग तथा अन्य लघु उद्यमों पर आश्रित है।

शिक्षण संस्थान
अहमदाबाद में गुजरात विश्वविद्यालय (1949) और लालभाई दलपतभाई भारत विद्या शोध संस्थान हैं।

पर्यटन स्थल
अहमदाबाद में घूमने लायक कई स्थल हैं। इनमें से कुछ आधुनिक हैं तथा कुछ पौराणिक भी हैं।

गाँधी आश्रम, साबरमती
सिद्दी सैयद जाली, खानपुर
सरखेज रोज़ा, सरखेज
कांकरीया झील
वस्त्रापुर झील
गुजरात साइंस सीटी
अक्षरधाम मंदिर, गांधीनगर
आई मेक्स थिएटर (चलचित्रघर)
लॉ गार्डन
वैष्णोदेवी मंदिर
श्रीभागवत विद्यापीठ (सोला)
अडालज वाव
मानेक चौक

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