मलखेड, कर्नाटक में नव घोषित राजस्व गांवों के पात्र लाभार्थियों को टाइटल डीड्स के वितरण के अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण का मूल पाठ

Jan 20, 2023 - 12:10
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मलखेड, कर्नाटक में नव घोषित राजस्व गांवों के पात्र लाभार्थियों को टाइटल डीड्स  के वितरण के अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण का मूल पाठ

कर्नाटका तांडेर, मार गोर बंजारा बाई-भिया, नायक, डाव, कारबारी, तमनोन हाथ जोड़ी राम-रामी!

जय सेवालाल महाराज! जय सेवालाल महाराज! जय सेवालाल महाराज! कलबुर्गी-या, श्री शरण बसवेश्वर, मत्तू, गाणगापुरादा गुरु दत्तात्रेयरिगे, नन्ना नमस्कारगड़ू! प्रख्याता, राष्ट्रकूटा साम्राज्यदा राजधानी-गे मत्तू, कन्नडा नाडिना समस्त जनते-गे नन्ना नमस्कारगड़ू!

कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावरचंद जी गहलोत, कर्नाटक के लोकप्रिय मुख्यमंत्री  बासवराज बोम्मई जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी भगवंत खुबा जी, कर्नाटक सरकार के मंत्रीगण, सांसदगण और विधायक गण और विशाल संख्या में आ करके हमें आशीर्वाद देने वाले मेरे प्यारे भाइयों और बहनों!

2023 का वर्ष आरम्भ हुआ है। जनवरी का महीना है और वैसे भी जनवरी अपने आप में बड़ा खास होता है। जनवरी के महीने में हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, देशवासियों को आजाद भारत में उनके अधिकार सुनिश्चित हुए थे। ऐसे पावन महीने में आज कर्नाटक की सरकार ने सामाजिक न्याय के लिए Social Justice के लिए एक बहुत बड़ा कदम उठाया है। आज कर्नाटक के लाखों बंजारा साथियों के लिए बहुत बड़ा दिन है। अभी 50 हज़ार से अधिक परिवारों को पहली बार उनके घर, उनकी रिहाइश का हक मिला, हक्कु पत्र, मिला है। ये कर्नाटक में तांडा बस्तियों में रहने वाले हज़ारों साथियों, घुमंतू परिवारों के बेटे-बेटियों के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने वाला है। कल्याण कर्नाटक क्षेत्र के कलबुर्गी, बीदर, यादगीर, रायचूर और विजयपुरा जिलों की तांडा बस्तियों में रहने वाले सभी मेरे बंजारा भाइयों-बहनों को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। कर्नाटक सरकार ने 3000 से अधिक तांडा बस्तियों को राजस्व गांव का दर्जा देने का बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। और इस प्रशंसनीय कदम के लिए मैं श्री बोम्मई जी और उनकी पूरी टीम को भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

ये क्षेत्र मेरे लिए नया नहीं है और बंजारा समाज भी नया नहीं है, क्योंकि राजस्थान से लेकर के पश्चिमी भारत में नीचे तक चले जाइए। हमारे बंजारा समुदाय के भाई-बहन राष्ट्र विकास में अपने तरीके से बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं। और मुझे हमेशा पुराने समय से उनके साथ जुड़ने का आनंद आता रहा है। मुझे बहुत याद है कि 1994 के विधानसभा चुनाव के समय इसी पूरे क्षेत्र में एक रैली में मुझे बुलाया गया था। और मैंने वहां जब उस रैली में लाखों की तादाद में हमारे बंजारा भाई-बहनों को देखा और बंजारा माताएं-बहनें परंपरागत वेशभूषा में लाखों की तादाद में आकर के आशीर्वाद दिए थे। वो पल मैं कभी भूल नहीं सकता भाइयों। आज आप सभी के लिए कर्नाटक सरकार का ये प्रयास जब मैं देखता हूं तो मुझे सबसे ज्यादा खुशी हो रही है।

डबल इंजन सरकार ने सुशासन और सद्भाव का वो रास्ता चुना है, जो सदियों पहले भगवान बसवन्ना ने देश-दुनिया को दिया था। भगवान बसवेश्वर ने अनुभव मंडपम जैसे मंच से सामाजिक न्याय का, लोकतंत्र का एक मॉडल दुनिया के सामने रखा था। समाज के हर भेदभाव, हर ऊंच-नीच से ऊपर उठकर सबके सशक्तिकरण का मार्ग उन्होंने हमें दिखाया था। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, इस मंत्र में भी वही भावना है जो भगवान बसवेश्वर ने हमें दी थी। आज कलबुर्गी में हम इसी भावना का विस्तार देख रहे हैं।

हमारे बंजारा समुदाय, घूमंतू-अर्ध घूमंतू समुदाय ने दशकों तक बहुत असुविधा झेली है। अब सबके लिए गौरव और गरिमा के साथ जीने का समय आया है। और मैं देख रहा था, जब ऊपर मेरा बंजारा परिवार से मिलना हुआ, एक मां जिस प्रकार से मुझे आशीर्वाद दे रही थी, जिस प्रकार से अपनी भावनाएं व्यक्त कर रही थी, समाज के लिए जीने-मरने की बहुत बड़ी ताकत देने वाले आशीर्वाद वो मां दे रही थी। आने वाले वर्षों में इन समुदायों के विकास और कल्याण के लिए सैकड़ों करोड़ रुपए का विशेष प्रावधान भी किया गया है। बंजारा समाज के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग का भी प्रबंध किया जा रहा है। ऐसे समुदायों के लिए आजीविका के नए साधनों का भी निर्माण किया जा रहा है। झुग्गियों के बजाय इन साथियों को पक्के घर मिले, इसके लिए भी सहायता दी जा रही है। बंजारा, घूमंतू-अर्ध घूमंतू समुदायों का स्थाई पता, स्थाई रिहाइश ना होने के कारण जो सुविधाएं उन्हें नहीं मिल पा रही थी, उनका समाधान भी किया जा रहा है। आज का ये आयोजन, इसी समाधान की दिशा में उठाया गया अहम कदम है। 1993 में यानि 3 दशक पहले इसकी सिफारिश की गई थी। लेकिन उसके बाद सबसे अधिक जिस दल का शासन यहां रहा, उसने सिर्फ वोट-बैंक बनाने पर ही ध्यान दिया। इन उपेक्षित परिवारों का जीवन बनाने की उन्होंने कभी नहीं सोची। तांडा में रहने वाले साथियों ने अपने हक के लिए लंबा संघर्ष किया है, अनेक कठिनाइयां झेली हैं। एक बहुत लंबा इंतज़ार आप सबको करना पड़ा है। लेकिन अब उदासीनता का वो पुराना माहौल भाजपा की सरकार ने बदल दिया है। मैं आज मेरी इन बंजारा माताओं से कहना चाहता हूँ, आप निश्चिंत रहिए, आपका एक बेटा दिल्‍ली में बैठा है।

अब जब तांडा बस्तियों को गांवों के रूप में मान्यता मिल रही है, तो इससे गांवों में मूलभूत सुविधाओं का तेज़ी से विकास होगा। अपने घर, अपनी जमीन का कानूनी दस्तावेज मिलने के बाद अब परिवार निश्चिंत होकर जी पाएंगे और बैंकों से ऋण लेना भी आसान होगा। केंद्र सरकार देशभर के गांवों में स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण घरों के प्रॉपर्टी कार्ड दे रही है। कर्नाटक में तो अब बंजारा समाज को भी ये सुविधा मिलने लगेगी। अब आप अपने बच्चों को ठीक से स्कूल भेज पाएंगे, डबल इंजन सरकार की हर कल्याणकारी योजना का सीधा लाभ ले पाएंगे। अब झुग्गियों में जीने की मजबूरी भी आपके लिए कल की बात बन गई है। पीएम आवास योजना से पक्के घर, घर में टॉयलेट, बिजली कनेक्शन, नल से जल, पानी का कनेक्शन, गैस का चूल्हा, सब मदद मिलने वाली है।

कर्नाटक सरकार के इस फैसले से बंजारा साथियों के लिए आजीविका के भी नए साधन बनने वाले हैं। वनोपज हो, सूखी लकड़ी, शहद, फल, ऐसी अनेक चीजें, इनसे भी अब कमाई के साधन मिलेंगे। पहले की सरकार जहां कुछ ही वन उपजों पर एमएसपी देती थी। हमारी सरकार आज 90 से ज्यादा वन उपजों पर एमएसपी दे रही है। कर्नाटक सरकार के फैसले के बाद अब इसका लाभ भी तांडा में रहने वाले मेरे सभी परिवारों को भी मिलेगा।

आज़ादी के अनेक दशकों बाद एक बहुत बड़ी आबादी ऐसी थी, जो विकास से वंचित थी, सरकारी मदद के दायरे से बाहर थी। देश में जिन्होंने लंबे समय तक शासन किया, उन्होंने ऐसे साथियों का सिर्फ नारे देकर वोट तो ले लिया, लेकिन उनके लिए ठोस फैसले नहीं किए। ऐसे दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी, दिव्यांग, महिलाएं, समाज के ऐसे सभी वंचित वर्गों को उनको पहली बार अब उनका पूरा हक मिल रहा है। सशक्तिकरण के लिए हम एक स्पष्ट रणनीति के साथ काम कर रहे हैं। इसके लिए अवश्यकते, आकांक्षे, अवकाशा, मत्तू गौरवा, इन पहलुओं पर हम ध्यान दे रहे हैं। अब जैसे गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी, दिव्यांग, महिलाएं, ऐसे सब वंचित समाज जो मूल सुविधाओं से वंचित हैं। झुग्गियों का जीवन बिताने वाले, बिना टॉयलेट, बिना बिजली, बिना गैस, बिना पानी कनेक्शन के जीवन बिताने वाले अधिकांश इन्हीं समाज के लोग होते हैं। हमारी सरकार अब इन्हें ये मूल सुविधा भी दे रही है और तेज़ गति से दे रही है। महंगे इलाज के कारण स्वास्थ्य सुविधाओं से भी यही वर्ग अधिक वंचित था। आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की गारंटी हमारी ही सरकार ने दी। दलित हो, वंचित हो, पिछड़े हो और आदिवासियों हों, उन सब तक पहले सरकारी राशन नहीं पहुंच पाता था। आज इन परिवारों को मुफ्त राशन भी सुनिश्चित हुआ है, राशन की सप्लाई पारदर्शी हुई है। जब मूल सुविधाएं पूरी होती हैं, तब गौरव बढ़ता है, नई आकांक्षाएं जन्म लेती हैं।

रोज-रोज के संकटों से बाहर निकलकर लोग अपने परिवार का जीवन ऊपर उठाने में जुट जाते हैं। इन्हीं आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए हमने आर्थिक समावेश, आर्थिक सशक्तिकरण के रास्ते बनाए। दलित, पिछड़े, आदिवासी, यही सबसे बड़ा वर्ग था, जिसने कभी बैंक का दरवाज़ा भी नहीं देखा था। जनधन बैंक खातों ने करोड़ों वंचितों को बैंकों से जोड़ा है। एससी, एसटी, ओबीसी और महिलाओं की एक बहुत बड़ी आबादी ऐसी थी, जिसके लिए बैंकों से लोन पाना किसी सपने से कम नहीं था। जब कोई अपना काम शुरू करना चाहता था, तो बैंक कहते थे कि बैंक गारंटी कहां है? लेकिन जिनके नाम पर कोई प्रॉपर्टी ही ना हो, तो वो गारंटी कैसे दे पाता? इसलिए हमने मुद्रा योजना के रूप में बिना गारंटी के ऋण की योजना शुरू की। आज मुद्रा योजना के तहत लगभग 20 करोड़ लोन SC/ST/OBC को मिले हैं, इस वर्ग से नए उद्यमी बन रहे हैं। मुद्रा की लगभग 70 प्रतिशत लाभार्थी हमारी माताएं-बहने हैं, महिलाएं हैं। इसी प्रकार रेहड़ी, ठेले, पटरी, इस पर छोटा-मोटा कारोबार करने वाले साथियों की पहले की सरकारें सुध नहीं लेती थीं। आज स्वनिधि योजना से इन साथियों को भी पहली बार बैंक से सस्ता और सुलभ ऋण मिल पा रहा है। ये सारे कदम वंचितों की आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बन रहे हैं। लेकिन हम एक कदम आगे बढ़कर अवकाशा यानि नए अवसर बना रहे हैं, वंचित समाज के युवाओं को नया विश्वास दे रहे हैं।

महिला कल्याण के लिए संवेदनशील हमारी सरकार आज नए-नए सेक्टर्स में उनके लिए अवसर बना रही है। आदिवासी कल्याण के लिए संवेदनशील हमारी सरकार आदिवासियों के योगदान, उनके गौरव को राष्ट्रीय पहचान देने का काम कर रही है। दिव्यांगों के अधिकारों और उनकी सुविधाओं से जुड़े अनेक प्रावधान भी बीते 8 वर्षों में किए गए हैं। उपेक्षित वर्गों से जुड़े साथी आज पहली बार देश की अनेक संवैधानिक संस्थाओं के शीर्ष पर हैं। ये हमारी सरकार है जिसने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। ये हमारी सरकार है जिसने ऑल इंडिया मेडिकल कोटे में ओबीसी वर्ग को आरक्षण का लाभ दिया। ये हमारी सरकार है जिसने केंद्र सरकार की ग्रुप-सी, ग्रुप-डी भर्तियों में इंटरव्यू की बाध्यता खत्म की। मेडिकल, इंजीनियरिंग, टेक्निकल विषयों की पढ़ाई स्थानीय भारतीय भाषाओं में हो, इसका प्रावधान भी हमारी सरकार ने ही किया है। इन कदमों के भी सबसे बड़े लाभार्थी हमारे गांव और गरीब परिवारों के युवा हैं, SC/ST/OBC के युवा हैं।

ये भी हमारी सरकार ही है जिसने बंजारा समुदाय, घुमंतू-अर्ध घुमंतू समुदाय के लिए विशेष विकास और कल्याण बोर्ड का गठन किया। गुलामी का कालखंड हो या फिर आजादी के बाद का लंबा समय, देशभर में फैला बंजारा समुदाय, घूमंतू समुदाय हर प्रकार से उपेक्षित रहा। इतने दशकों तक इन समुदायों की सुध नहीं ली गई। अब जाकर केंद्र सरकार ने वेलफेयर बोर्ड का गठन कर ऐसे सभी परिवारों के सशक्तिकरण के लिए बड़ा कदम उठाया है। हमारी सरकार हर कल्याणकारी योजना से इन परिवारों को जोड़ने का प्रयास कर रही है।

डबल इंजन सरकार, भारत में रहने वाले हर समाज की परंपरा, संस्कृति, खान-पान वेश-भूषा को हमारी ताकत मानती है। हम इस ताकत को सहेजने, इसको संरक्षित रखने के बहुत बड़े पक्षधर हैं। सुहाली, लम्बानी, लम्बाडा, लबाना और बाजीगर, जो भी नाम लें, आप सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और जीवंत हैं, देश की शान हैं, देश की ताकत हैं। आपका हज़ारों वर्षों का एक इतिहास है। इस देश के विकास में आपका एक योगदान है। इस धरोहर को भी हमें मिलकर आगे बढ़ाने का प्रयास करना है। हमें सबका साथ लेकर ही सबका विश्वास करना है। और मेरे बंजारा परिवार यहां हैं तो मैं जरूर कहना चाहूंगा, मैं गुजरात प्रदेश से आता हूं, गुजरात और राजस्थान ये प्रदेश बारिश कम होती है, सूखा रहता है, पानी की किल्लत होती है, लेकिन अनेक गांवों में सैकड़ों साल पहले पानी के लिए कुछ न कुछ व्‍यवस्‍थाएं खड़ी हुई हैं। और आज भी वो गांव के लोग कहते हैं कि ये लाखा बंजारा ने ही बनवाया था, ये लाखा बंजारा ने बनवाया था। आप किसी भी गांव में जाओ, पानी के प्रबंध की कोई व्यवस्था बनी है तो मेरे गुजरात और राजस्थान में लाखा बंजारा का नाम सबसे पहले आता है। जिस लाखा बंजारा ने सदियों पहले समाज की इतनी बड़ी सेवा की, ये मेरा सौभाग्य है कि उस बंजारा परिवारों की सेवा करने का आपने मुझे मौका दिया है। मैं आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मैं आपके सुखद और समृद्ध भविष्य की कामना करता हूं। और आपने आकर के हमें आशीर्वाद दिये, ये हमारी बहुत बड़ी पूंजी है, बहुत बड़ी ऊर्जा है, बहुत बड़ी प्रेरणा है। मैं आपका कोटि-कोटि धन्यवाद करता हूँ।

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