क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ सचिन तेंडुलकर

Dec 31, 2022 - 17:45
Jan 1, 2023 - 14:50
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क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़  सचिन  तेंडुलकर
सचिन तेंडुलकर

सचिन रमेश तेंडुलकर  Sachin Tendulkar, जन्म: 24 अप्रैल 1973) क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ में माने जाते हैं।भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाले वह सर्वप्रथम खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले क्रिकेट खिलाड़ी हैं। सन् २००८ में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है।

सन् १९८९ में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के पश्चात् उन्होंने बल्लेबाजी में भी कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने टेस्ट व एक दिवसीय क्रिकेट, दोनों में सर्वाधिक शतक अर्जित किये हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट में १४००० से अधिक रन बनाने वाले वह विश्व के एकमात्र खिलाड़ी हैं। एकदिवसीय मैचों में भी उन्हें कुल सर्वाधिक रन बनाने का कीर्तिमान प्राप्त है।  उन्होंने अपना पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच मुम्बई के लिये १४ वर्ष की आयु में खेला था। उनके अन्तर्राष्ट्रीय खेल जीवन की शुरुआत १९८९ में पाकिस्तान के विरुद्ध कराची से हुई।

2001 में, सचिन तेंदुलकर अपनी 259 पारी में 10,000 ओडीआई रन पूरा करने वाले पहले बल्लेबाज बने। बाद में अपने करियर में, तेंदुलकर भारतीय दल का हिस्सा थे जिन्होंने २०११ क्रिकेट विश्व कप जीता, भारत के लिए छह विश्व कप के प्रदर्शन में उनकी पहली जीत। दक्षिण अफ्रीका में आयोजित टूर्नामेंट के 2003 संस्करण में उन्हें पहले "प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट" नाम दिया गया था। 2013 में, वे विस्डेन क्रिकेटर्स के अल्मनैक की 150 वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए नामित एक अखिल भारतीय टेस्ट वर्ल्ड इलेवन में शामिल एकमात्र भारतीय क्रिकेटर थे। सचिन क्रिकेट जगत के सर्वाधिक प्रायोजित खिलाड़ी हैं और विश्व भर में उनके अनेक प्रशंसक हैं। उनके प्रशंसक उन्हें प्यार से भिन्न-भिन्न नामों से पुकारते हैं जिनमें सबसे प्रचलित लिटिल मास्टर व मास्टर ब्लास्टर है। क्रिकेट के अलावा वह अपने ही नाम के एक सफल रेस्टोरेंट के स्वामी  भी हैं।

सचिन तेंदुलकर भूतपूर्व राज्य सभा सांसद भी रह चुके हैं। सन् २०१२ में उन्हें राज्य सभा के सदस्य के रूप में नामित किया गया था।

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर पर एक बायोपिक फिल्म ‘सचिन : ए बिलियन ड्रीम्स’ बनाई जा चुकी है। इस फ़िल्म का टीज़र भी बहुत रोमांचक हैं। टीजर में सचिन को उन्हीं की कहानी सुनाते हुए देखेंगे जो एक शरारती बच्चे से एक हीरो बनकर उभरता है। ख़ुद सचिन तेंदुलकर का भी ये मानना है कि क्रिकेट खेलने से अधिक चुनौतीपूर्ण अभिनय करना है। सचिन – ए बिलियन ड्रीम्स’ का निर्माण श्रीकांत भासी और रवि भगचंदका ने किया है और इसका निर्देशन जेम्स अर्सकिन ने।

राजापुर के मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मे सचिन का नाम उनके पिता रमेश तेंदुलकर ने अपने चहेते संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा था। सचिन के पिता मराठी स्कूल में शिक्षक थे। उनके बड़े भाई अजीत तेंदुलकर ने उन्हें क्रिकेट खेलने के लिये प्रोत्साहित किया था। सचिन के एक भाई नितिन तेंदुलकर और एक बहन सविताई तेंदुलकर भी हैं। 24 मई, 1995 के दिन सचिन ने डॉ. अंजलि महेता से शादी की थी, मूल गुजरात की डॉ. अंजलि बालरोग निष्णात है। सचिन और अंजलि दोनो पहली बार एयरपोर्ट पर मिले थे, उस वक्त अंजली को सचिन और क्रिकेट दोनों के बारे में कोई ज्यादा ज्ञान नही था। सचिन और अंजलि के दो बच्चें है, बड़ी बेटी सारा तेंदुलकर और बेटा अर्जुन तेंदुलकर है।

सचिन ने शारदाश्रम विद्यामन्दिर में अपनी शिक्षा ग्रहण की। वहीं पर उन्होंने प्रशिक्षक (कोच) रमाकान्त अचरेकर के सान्निध्य में अपने क्रिकेट जीवन का आगाज किया। तेज गेंदबाज बनने के लिये उन्होंने एम०आर०एफ० पेस फाउण्डेशन के अभ्यास कार्यक्रम में शिरकत की पर वहाँ तेज गेंदबाजी के कोच डेनिस लिली ने उन्हें पूर्ण रूप से अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा।

युवाकाल में सचिन अपने कोच के साथ अभ्यास करते थे। उनके कोच स्टम्प पर एक रुपये का सिक्का रख देते और जो गेंदबाज सचिन को आउट करता, वह सिक्का उसी को मिलता था और यदि सचिन बिना आउट हुए पूरे समय बल्लेबाजी करने में सफल हो जाते, तो ये सिक्का उनका हो जाता। सचिन के अनुसार उस समय उनके द्वारा जीते गये वे १३ सिक्के आज भी उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय हैं।[कृपया उद्धरण जोड़ें]
१९८८ में स्कूल के एक हॅरिस शील्ड मैच के दौरान साथी बल्लेबाज विनोद कांबली के साथ सचिन ने ऐतिहासिक ६६४ रनों की अविजित साझेदारी की। इस धमाकेदार जोड़ी के अद्वितीय प्रदर्शन के कारण एक गेंदबाज तो रोने ही लगा और विरोधी पक्ष ने मैच आगे खेलने से इनकार कर दिया। सचिन ने इस मैच में ३२० रन और प्रतियोगिता में हजार से भी ज्यादा रन बनाये। 


सचिन प्रति वर्ष २०० बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी हेतु अपनालय नाम का एक गैर सरकारी संगठन भी चलाते हैं।  भारतीय टीम का एक अन्तर्राष्ट्रीय मैच ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध इन्दौर में ३१ मार्च २००१ को खेला गया था। तब इस छोटे कद के खिलाड़ी ने पहली बार १०,००० रनों का आँकड़ा पार करके इन्दौर के स्टेडियम में एक मील का पत्थर गाड़ दिया था।

सचिन तेंदुलकर क्रिकेट में बल्लेबाज़ी दायें हाथ से करते हैं किन्तु लिखते बाये हाथ से हैं। वे नियमित तौर पर बायें हाथ से गेंद फेंकने का अभ्यास करते हैं। उनकी बल्लेबाज़ी उनके बेहतरीन सन्तुलन और नियन्त्रण पर आधारित है। वह भारत की धीमी पिचों की बजाय वेस्ट इंडीज़ और ऑस्ट्रेलिया की सख्त व तेज़ पिच पर खेलना ज्यादा पसंद करते हैं। वह अपनी बल्लेबाजी की अनूठी पंच शैली के लिये भी जाने जाते हैं।

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रशिक्षक जॉन ब्यूकैनन का कहना है कि तेंदुलकर अपनी पारी की शुरुआत में शॉर्ट गेंद को ज्यादा पसन्द करते हैं। उनका मानना यह भी है कि बायें हाथ की तेज गेंद तेंदुलकर की कमज़ोरी है। अपने कैरियर की शुरुआत में सचिन के बैटिंग की शैली आक्रामक हुआ करती थी। सन् २००४ से वह कई बार चोटग्रस्त भी हुए। इस वजह से उनकी बल्लेबाजी की आक्रामकता में थोड़ी कमी आयी। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी इयान चैपल के अनुसार तेंदुलकर अब पहले जैसे खिलाड़ी नहीं रहे। किन्तु २००८ में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तेंदुलकर ने कई बार अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी का परिचय दिया।

तेंडुलकर नियमित गेंदबाज़ नहीं हैं, किन्तु वे मध्यम तेज, लेग स्पिन व ऑफ स्पिन गेंदबाज़ी में प्रखर हैं। वे कई बार लम्बी व देर से टिकी हुई बल्लेबाजों की जोड़ी को तोड़ने के लिये गेंदबाज़ के रूप में लाये जाते हैं। भारत की जीत पक्की कराने में अनेक बार उनकी गेंदबाज़ी का प्रमुख योगदान रहा है।

2008 में उद्घाटन इंडियन प्रीमियर लीग ट्वेंटी -20 प्रतियोगिता में तेंदुलकर को अपने घरेलू मैदान में मुंबई इंडियंस के लिए आइकन खिलाड़ी और कप्तान बनाया गया था। एक आइकन खिलाड़ी के रूप में, वह $ 1,121,250 की राशि के लिए हस्ताक्षर किए गए, टीम के सनथ जयसूर्या में दूसरे सबसे ज्यादा भुगतान करने वाले खिलाड़ी की तुलना में 15% अधिक।

इंडियन प्रीमियर लीग के 2010 संस्करण में मुंबई इंडियंस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच गया। टूर्नामेंट के दौरान तेंदुलकर ने 14 पारियों में 618 रन बनाए, आईपीएल सीजन में शान मार्श के सर्वाधिक रन का रिकॉर्ड तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि मौसम के दौरान अपने प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट घोषित किया गया था। उन्होंने 2010 आईपीएल पुरस्कार समारोह में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज और सर्वश्रेष्ठ कैप्टन पुरस्कार भी जीता। सचिन ने कप्तान के रूप में दो अलग-अलग सत्रों में आईपीएल में 500 से अधिक रन बनाए हैं।

सचिन तेंदुलकर ने लीग के दूसरे संस्करण के 4 लीग मैच में मुंबई इंडियंस का नेतृत्व किया। उन्होंने पहले मैच में 68 और गुयाना के खिलाफ 48 रन बनाये। लेकिन शुरुआती दो मैचों की हार के बाद मुंबई इंडियंस सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहे। तेंदुलकर ने 135 रन बनाए।

2011 आईपीएल में, कोच्चि टस्कर्स केरल के खिलाफ, तेंदुलकर ने अपना पहला ट्वेंटी -20 शतक बनाया। उन्होंने 66 गेंदों पर नाबाद 100 रन बनाए। आईपीएल में 51 मैचों में उन्होंने 1,723 रन बनाये, जिससे उन्हें प्रतिस्पर्धा के इतिहास में दूसरा सबसे ज्यादा रन-स्कोरर बना। 2013 में, सचिन ने इंडियन प्रीमियर लीग से सेवानिवृत्त हुए, और वर्तमान में 2014 में उन्हें मुंबई इंडियंस टीम के 'आइकन' के रूप में नियुक्त किया गया है।

तेंदुलकर के प्रशंसक सुधीर कुमार चौधरी ने भारत के सभी घरेलू खेलों के लिए टिकट का विशेषाधिकार प्राप्त किया तेंदुलकर के लगातार प्रदर्शन ने उन्हें दुनिया भर में एक प्रशंसक बनाया, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई भीड़ भी शामिल थे, जहां तेंदुलकर ने लगातार शतक बनाए हैं। उनके प्रशंसकों द्वारा सबसे लोकप्रिय कहानियों में से एक है "क्रिकेट मेरा धर्म है और सचिन मेरा भगवान है"। क्रिकइन्फो ने अपने प्रोफाइल में बताया कि "... तेंदुलकर एक दूरी से, दुनिया में सबसे ज्यादा पूजा करने वाले क्रिकेटर हैं।"  1998 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान मैथ्यू हेडन ने कहा, "मैंने भगवान को देखा है। 4 टेस्ट मैचों में भारत में। " हालांकि, भगवान पर, तेंदुलकर ने खुद कहा है कि" मैं क्रिकेट का ईश्वर नहीं हूं। मैं गलती करता हूं, भगवान नहीं करता है। " तेंदुलकर ने एक विशेष प्रदर्शन किया 2003 में बॉलीवुड की फिल्म स्टम्प्ड, खुद के रूप में प्रदर्शित हुई।

कई उदाहरण हैं जब तेंदुलकर के प्रशंसकों ने खेल में अपनी बर्खास्तगी पर अत्यधिक गतिविधियों की है। जैसा कि कई भारतीय समाचार पत्रों की रिपोर्ट में, एक व्यक्ति ने 100 वीं शताब्दी तक पहुंचने में तेंदुलकर की असफलता पर संकट के कारण खुद को फांसी दी थी।

मुंबई में घर पर, तेंदुलकर के प्रशंसक ने उन्हें एक अलग जीवन शैली का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया। इयान चैपल ने कहा है कि वह जीवन शैली से निपटने में असमर्थ होंगे, तेंदुलकर को "विग पहनने और बाहर जाने और रात में ही फिल्म देखना" करने के लिए मजबूर होना पड़ा। टिम शेरिडन के साथ एक साक्षात्कार में, तेंदुलकर ने स्वीकार किया कि वह कभी-कभी रात की देर में मुंबई की सड़कों पर चुप ड्राइव के लिए चले गए थे, जब वह कुछ शांति और मौन का आनंद ले पाएंगे। तेंदुलकर की लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर में यूज़र नेम sachin_rtके साथ मई 2010 से मौजूद है।

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