महेन्द्र सिंह रंधावा भारतीय इतिहासकार, वनस्पतिशास्त्री, लेखक और कला व संस्कृति के प्रवर्तक थे

Jan 7, 2023 - 07:51
Jan 6, 2023 - 12:15
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महेन्द्र सिंह रंधावा भारतीय इतिहासकार, वनस्पतिशास्त्री, लेखक और कला व संस्कृति के प्रवर्तक थे
महेन्द्र सिंह रंधावा भारतीय इतिहासकार, वनस्पतिशास्त्री, लेखक और कला व संस्कृति के प्रवर्तक थे

महेन्द्र सिंह रंधावा (फरवरी, 1909 -- 3 मार्च, 1986) भारतीय इतिहासकार, वनस्पतिशास्त्री, सिविल सेवक, लेखक और कला व संस्कृति के प्रवर्तक थे। विस्तृत अनुभव के आधार पर उन्होंने अपनी पुस्तकों में भारत के वनों, उपवनों, उद्यानों और देहाती क्षेत्रों की वनस्पति से संबंधित वैज्ञानिक ज्ञान और अनुभूतियों को काव्यमय शैली में इस प्रकार प्रस्तुत किया है कि ये पुस्तकें साहित्य और विज्ञान की अमूल्य निधि बन गयी है। उनकी पुस्तक "ब्यूटीफुल गार्डन्स" का देवकीनंदन पालीवाल द्वारा किया गया हिन्दी रूपांतर 'सुहावने उद्यान' शीर्षक से बहुत लोकप्रिय हुआ।

 

महिंदर सिंह रंधावा ने भारत में कृषि अनुसंधान की स्थापना में प्रमुख योगदान दिया था। भारत के विभाजन के फलस्वरूप पाकिस्तान से निर्वासित लोगों को पुनर्स्थापित करने में भी उन्होने पुनर्वास के महानिदेशक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने चण्डीगढ़ शहर की स्थापना और पंजाब की कला, भारत में कृषि के इतिहास का दस्तावेजीकरण करने में महती सक्रियता दिखाई। उन्होंने 1 नवम्बर, 1966 से 31 अक्टूबर, 1968 तक चंडीगढ़ के मुख्य कमिश्नर का पद भी सम्भाला।

 महेन्द्र सिंह रन्धावा को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

 

प्रकाशित कृतियाँ

रंधावा बहुत लिखते थे। फफूँद (algae) पर अनेक शोधपत्रों के अतिरिक्त उन्होंने कला, इतिहास, संस्कृति और कृषि पर भी अनेकों पुस्तकों की रचना की। १९८५ में पंजाबी में उनकी आत्मकथा प्रकाशित हुई जिसका नाम है - "आप बीती"। उनकी अन्य कृतियाँ निम्नलिखित हैं-

The Birth of the Himalayas (1947)

Beautifying India (1950)

Out of the Ashes; an account of the rehabilitation of refugees from West Pakistan in rural areas of East Punjab[मृत कड़ियाँ] (1954)

Flowering Trees (1957)

Agricultural Research In India (1958)

Basohli Painting[मृत कड़ियाँ] (1959)

Zygnemaceae (ICAR Monographs on Algae) (1959)

Farmers of India , प्रेम नाथ के साथ (1959)

Indian Painting : the scene, themes, and legends with John Kenneth Galbraith (Hamilton, 1961)

Beautiful Trees and Gardens (1961)

Kangra Paintings on Love (1962)

Agriulture And Animal Husbandry In India (1962)

Natural Resources of India (1963)

Chamba Painting (1967)

Travels In The Western Himalayas[मृत कड़ियाँ] (1967)

Evolution of Life[मृत कड़ियाँ] (1969)

The Kumaon Himalayas[मृत कड़ियाँ] (1970)

Kangra rāgamālā paintings (1971)

Beautiful Gardens (1971)

The Famous Gardens of India (1971)

Kangra Valley Painting (1972)

Green Revolution (1973)

Travels in the western Himalayas in search of paintings (1974)

Gardens through the ages (1976)

A history of the Indian Council of Agricultural Research, 19291979 (1979)

Kishangarh Painting (1980)

A History of Agriculture in India volume 1 2 3 4 (19801986)

Basohli Paintings of the Rasamanjari (1981)

Guler Painting (1982)

Paintings of the Bābur nāmā (1983)

Indian sculpture : the scene, themes, and legends (1985)

Indian paintings : exploration, research, and publications (1986)

पंजाब (पंजाबी संस्करण) 1980

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