नई दिल्ली का अनोखा सांस्कृतिक तीर्थ अक्षरधाम मंदिर का इतिहास

Jan 23, 2023 - 08:19
Jan 21, 2023 - 12:43
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नई दिल्ली  का  अनोखा सांस्कृतिक तीर्थ अक्षरधाम मंदिर का इतिहास

नई दिल्ली में बना स्वामिनारायण अक्षरधाम मन्दिर एक अनोखा सांस्कृतिक तीर्थ है। इसे ज्योतिर्धर भगवान स्वामिनारायण की पुण्य स्मृति में बनवाया गया है। यह परिसर १०० एकड़ भूमि में फैला हुआ है। दुनिया का सबसे विशाल हिंदू मन्दिर परिसर होने के नाते २६ दिसम्बर २००७ को यह गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स में शामिल किया गया।

विशेषताएं
दश द्वार
ये द्वार दसों दिशाओं के प्रतीक हैं, जो कि वैदिक शुभकामनाओं को प्रतिबिंबित करते हैं।

भक्ति द्वार
यह द्वार परंपरागत भारतीय शैली का है। भक्ति एवं उपासना के २०८ स्वरूप भक्ति द्वार में मंडित हैं।

मयूर द्वार
भारत का राष्ट्रीय पक्षी मयूर, अपने सौन्दर्य, संयम और शुचिता के प्रतीक रूप में भगवान को सदा ही प्रिय रहा है। यहां के स्वागत द्वार में परस्पर गुंथे हुए भव्य मयूर तोरण एवं कलामंडित स्तंभों के ८६९ मोर नृत्य कर रहे हैं। यह शिल्पकला की अत्योत्तम कृति है।

अक्षरधाम मन्दिर

अक्षरधाम मन्दिर को गुलाबी, सफेद संगमरमर और बलुआ पत्थरों के मिश्रण से बनाया गया है। इस मंदिर को बनाने में स्टील, लोहे और कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया। मंदिर को बनाने में लगभग पांच साल का समय लगा था। श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख स्वामी महाराज के नेतृत्व में इस मंदिर को बनाया गया था। करीब 100 एकड़ भूमि में फैले इस मंदिर को 11 हजार से ज्यादा कारीगरों की मदद से बनाया गया। पूरे मंदिर को पांच प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है। मंदिर में उच्च संरचना में 234 नक्काशीदार खंभे, 9 अलंकृत गुंबदों, 20 शिखर होने के साथ 20,000 मूर्तियां भी शामिल हैं। मंदिर में ऋषियों और संतों की प्रतिमाओं को भी स्थापित किया गया है।

फव्वारा शो
मंदिर में रोजाना शाम को दर्शनीय फव्वारा शो का आयोजन किया जाता है। इस शो में जन्म, मृत्यु चक्र का उल्लेख किया जाता है। फव्वारे में कई कहानियों का बयां किया जाता है। यह मंदिर सोमवार को बंद रहता है। अक्षरधाम मंदिर में 2870 सीढियां बनी हुई हैं। मंदिर में एक कुंड भी है, जिसमें भारत के महान गणितज्ञों की महानता को दर्शाया गया है।

प्रवेश
मंदिर में प्रवेश फ्री है लेकिन अंदर जाने के अलग-अलग चार्ज हैं।

मंदिर में अंदर जाने के लिए कुछ विशेष नियम भी बने हैं। प्रवेश करने के लिए ड्रेस कोड भी बना है। आपके कपड़े कंधे और घुटने तक ढके होने चाहिए। अगर आपने ऐसे कपड़े नहीं पहने हैं तो आप यहां 100 रुपये में कपड़े किराए पर भी ले सकते हैं।

कीर्तिमान स्थापित
अक्षरधाम मन्दिर को दुनिया का सबसे विशाल हिंदू मन्दिर परिसर होने के नाते गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स में बुधवार, २६ दिसंबर २००७ को शामिल कर लिया गया है।[1] गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स के एक वरिष्ठ अधिकारी एक सप्ताह पहले भारत की यात्रा पर आए और स्वामी नारायण संस्थान के प्रमुख स्वामी महाराज को विश्व रिकार्ड संबंधी दो प्रमाणपत्र भेंट किए। गिनीज व‌र्ल्ड रिकार्ड की मुख्य प्रबंध समिति के एक वरिष्ठ सदस्य माइकल विटी ने बोछासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामी नारायण संस्थान को दो श्रेणियों के तहत प्रमाणपत्र दिए हैं। इनमें एक प्रमाणपत्र एक व्यक्ति विशेष द्वारा सर्वाधिक हिंदू मंदिरों के निर्माण तथा दूसरा दुनिया का सर्वाधिक विशाल हिंदू मन्दिर परिसर की श्रेणी में दिया गया।

प्रमाणपत्र
प्रमाणपत्र में कहा गया है,

पूज्य प्रमुख स्वामी महाराज अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त आध्यात्मिक नेता हैं और बीएपीएस स्वामीनारायण संस्थान के प्रमुख हैं। उन्होंने अप्रैल 1971 से नवंबर 2007 के बीच पांच महाद्वीपों में 713 मंदिरों का निर्माण करने का विश्व रिकार्ड बनाया है। इसमें साथ ही कहा गया है कि इनमें से दिल्ली का बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम मन्दिर अद्भुत है और दुनिया का विशालतम हिंदू मन्दिर परिसर है।
माइकल विटी ने कहा कि हमें अक्षरधाम की व्यापक वास्तुशिल्प योजना का अध्ययन तथा अन्य मन्दिर परिसरों से उसकी तुलना परिसर का दौरा और निरीक्षण करने में तीन माह का समय लगा और उसके बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे कि मंदिर गिनीज बुक में शामिल किए जाने का अधिकारी है।
दिल्ली स्थित अक्षरधाम मंदिर 86342 वर्ग फुट परिसर में फैला है। यह 356 फुट लंबा 316 फुट चौड़ा तथा 141 फुट ऊंचा है। यह पहला मौका है जब गिनीज बुक ने अपने विशाल धार्मिक स्थलों की सूची में किसी हिंदू मन्दिर को मान्यता प्रदान की है।

प्रमुख आकर्षण
मंदिर: गुलाबी पत्थर और सफेद संगमरमर से बना, मुख्य मंदिर स्टील के उपयोग के बिना बनाया गया था। नक्काशीदार स्तंभों, गुंबदों और 20,000 मूर्तियों के साथ सजाया गया यह मन्दिर अत्यन्त दिव्य है।

हॉल ऑफ वैल्यू (सहजानंद प्रदर्शन): ऑडियो- एनिमेट्रॉनिक्स शो के द्वारा ज्ञान और सजीव जीवन का सच्चा अर्थ जैसे अहिंसा, शाकाहार, नैतिकता और सामंजस्य आदि के अभ्यास का संदेश दिया जाता है। यहाँ पर स्थित प्रत्येक मूर्ति जीवंत दिखाई देती है।

विशाल फिल्म स्क्रीन (नीलकंठ यात्रा) :यह फिल्म एक बच्चे योगी, नीलकंठ वर्णी पर आधारित है। इस स्क्रीन में छह से अधिक कहानियों पर बनी फिल्मों को दिखाया जाता है।

बोट राइड (संस्कृत विहार) :किसी को भी अक्षरधाम में नाव की सवारी नहीं छोड़नी चाहिए। बारह मिनट की यह सवारी भारतीय विरासत के 10,000 वर्षों में एक सवारी की तरह होगी। आप इसमें वैदिक जीवन से तक्षशिला तक और प्राचीन खोजों के युग आदि सभी का अनुभव प्राप्त करेंगे।

म्यूजिकल फाउंटेन्स (यग्नपुरूष कुंड) : संध्याकालीन आयोजित होने वाला संगीतमय फव्वारा भगवान, मनुष्य और प्रकृति के बीच परस्पर निर्भरता प्रदर्शित करता है।यह एक निराला अनुभव है।

गार्डन ऑफ इंडिया (भारत उपवन) :पीतल की मूर्तियों के साथ सुसज्जित बगीचे और घास के मैदान इस पूरे परिसर को आकर्षक बनाते हैं। योगिहृदय कमल एक विशेष कमल है जो शुभ भावनाओं को दर्शाता है।

अभिषेक मंडप :इसमें नीलकंठ वर्णी की मूर्ति का जलाभिषेक किया जाता है जिसमें भजन और प्रार्थनाएं होती हैं। आगंतुकों को मूर्ति का अभिषेक करने की अनुमति है।

सहज आनंद वॉटर शो :यह आश्चर्यजनक शो 24 मिनट के लिये चलता है, इसमें केना उपनिषद से संबंधित कहानियों को दिखाने के लिए मीडिया के विभिन्न माध्यमों का उपयोग किया जाता है। कई रंग के लेजर, पानी के नीचे की लपटें, चलचित्र सामग्री और पानी की तेज धारें इस शो को बहुत आकर्षक बनाते हैं।

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