पाकिस्तान का पूरा इतिहास

Jan 4, 2023 - 13:39
Jan 4, 2023 - 13:44
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पाकिस्तान का पूरा इतिहास
पाकिस्तान का पूरा इतिहास

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान (उर्दू:या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है।

 

21 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का पांचवी बड़ी आबादी वाला देश है। पाकिस्तान में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी है। यह 881,913 वर्ग किलोमीटर (340,509 वर्ग मील) क्षेत्र में फैला 33वां सबसे बड़ा देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हिन्दी हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा आज़ाद कश्मीर और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं।

पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया।

पाकिस्तान शब्द का जन्म सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली के द्वारा हुआ पाक्स्तान के रूप में हुआ था

आज के पाकिस्तानी भूभाग का मानवीय इतिहास कम से कम 5000 साल पुराना है,[8] यद्यपि इतिहास पाकिस्तान शब्द का जन्म सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली के द्वारा हुआ। आज का पाकिस्तानी भूभाग कई संस्कृतियों का गवाह रहा है।

ईसापूर्व 3300-1800 के बीच यहाँ सिन्धुघाटी सभ्यता का विकास हुआ। यह विश्व की चार प्राचीन ताम्र-कांस्यकालीन सभ्यताओं में से एक थी। इसका क्षेत्र सिन्धु नदी के किनारे अवस्थित था पर गुजरात (भारत) और राजस्थान में भी इस सभ्यता के अवशेष पाए गए हैं। मोहेन्जो-दारो, हड़प्पा इत्यादि स्थल पाकिस्तान में इस सभ्यता के प्रमुख अवशेष-स्थल हैं। इस सभ्यता के लोग कौन थे इसके बारे में विद्वानों में मतैक्य नहीं है। कुछ इसे आर्यों की पूर्ववर्ती शाखा कहते हैं तो कुछ इसे द्रविड़। कुछ इसे बलोची भी ठहराते हैं। इस मतभेद का एक कारण सिन्धु-घाटी सभ्यता की लिपि का नहीं पढ़ा जाना भी है।

ऐसा माना जाता है कि 1500 ईसापूर्व के आसपास आर्यों का आगमन पाकिस्तान के उत्तरी क्षेत्रों के मार्फ़त भारत में हुआ। आर्यों का निवास स्थान कैस्पियन सागर के पूर्वी तथा उत्तरी हिस्सों में माना जाता है जहाँ से वे इसी समय के करीब ईरान, यूरोप और भारत की ओर चले गए थे। सन् 543 ईसापूर्व में पाकिस्तान का अधिकांश इलाका ईरान (फारस) के हख़ामनी साम्राज्य के अधीन आ गया। लेकिन उस समय इस्लाम का उदय नहीं हुआ था; ईरान के लोग ज़रदोश्त के अनुयायी थे और देवताओं की पूजा करते थे। सन् 330 ईसापूर्व में मकदूनिया (यूनान) के विजेता सिकन्दर ने दारा तृतीय को तीन बार हराकर हखामनी वंश का अन्त कर दिया। इसके कारण मिस्र से पाकिस्तान तक फैले हखामनी साम्राज्य का पतन हो गया और सिकन्दर पंजाब तक आ गया। ग्रीक स्रोतों के मुताबिक उसने सिन्धु नदी के तट पर भारतीय राजा पुरु (ग्रीक - पोरस) को हरा दिया। पर उसकी सेना ने आगे बढ़ने से इनकार कर दिया और वह भारत में प्रवेश किये बिना वापस लौट गया। इसके बाद उत्तरी पाकिस्तान और अफगानिस्तान में यूनानी-बैक्ट्रियन सभ्यता का विकास हुआ। सिकन्दर के साम्राज्य को उसके सेनापतियों ने आपस में बाँट लिया। सेल्युकस नेक्टर सिकन्दर के सबसे शक्तिशाली उत्तराधिकारियों में से एक था।

मौर्यों ने 300 ईसापूर्व के आसपास पाकिस्तान को अपने साम्राज्य के अधीन कर लिया। इसके बाद पुनः यह ग्रीको-बैक्ट्रियन शासन में चला गया। इन शासकों में सबसे प्रमुख मिनांदर ने बौद्ध धर्म को प्रोत्साहित किया। पार्थियनों के पतन के बाद यह फारसी प्रभाव से मुक्त हुआ। सिन्ध के राय राजवंश (सन् 489-632) ने इसपर शासन किया। इसके बाद यह उत्तर भारत के गुप्त और फारस के सासानी साम्राज्य के बीच बँटा रहा।

सन् 712 में फारस के सेनापति मुहम्मद बिन क़ासिम ने सिन्ध के राजा को हरा दिया। यह फारसी विजय न होकर इस्लाम की विजय थी। बिन कासिम एक अरब था और पूर्वी ईरान में अरबों की आबादी और नियंत्रण बढ़ता जा रहा था। हालांकि इसी समय केन्द्रीय ईरान में अरबों के प्रति घृणा और द्वेष बढ़ता जा रहा था पर इस क्षेत्र में अरबों की प्रभुसत्ता स्थापित हो गई थी। इसके बाद पाकिस्तान का क्षेत्र इस्लाम से प्रभावित होता चला गया। पाकिस्तानी सरकार के अनुसार इसी समय 'पाकिस्तान की नींव' डाली गई थी। इसके 1192 में दिल्ली के सुल्तान पृथ्वीराज चौहान को हराने के बाद ही दिल्ली की सत्ता पर फारस से आए तुर्कों, अरबों और फारसियों का नियंत्रण हो गया। पाकिस्तान दिल्ली सल्तनत का अंग बन गया।

सोलहवीं सदी में मध्य-एशिया से भाग कर आए हुए बाबर ने दिल्ली की सत्ता पर अधिकार किया और पाकिस्तान मुगल साम्राज्य का अंग बन गया। मुगलों ने काबुल तक के क्षेत्र को अपने साम्राज्य में मिला लिया था। अठारहवीं सदी के अन्त तक विदेशियों (खासकर अंग्रेजों) का प्रभुत्व भारतीय उपमहाद्वीप पर बढ़ता गया। सन् 1857 के गदर के बाद सम्पूर्ण भारत अंग्रेजों के शासन में आ गया।

अंग्रेज़ों के शासन काल में, ख़ासकर पंजाब में कई विरोध आंदोलन हुए। इस दौरान पंजाब और सिंध में अच्छी ख़ासी हिंदू आबादी थी। पर जनतंत्र की मांग को लेकर और मुस्लिमों के अल्पमत में होने के कारण अलग मुस्लिम राष्ट्र की मांग होने लगी। पहले सन् 1930 में शायर मुहम्मद इक़बाल ने भारत के उत्तर-पश्चिमी चार प्रान्तों -सिन्ध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद)- को मिलाकर एक अलग राष्ट्र की मांग की थी। 1947 अगस्त में भारत के विभाजन के फलस्वरूप पाकिस्तान का जन्म हुआ। उस समय पाकिस्तान में वर्तमान पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों सम्मिलित थे। सन् 1971 में भारत के साथ हुए युद्ध में पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा (जिसे उस समय तक पूर्वी पाकिस्तान कहा जाता था) बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्र हो गया।

७११ ईस्वी में पाकिस्तान का पश्चिमी भाग हिंदू राजपूतों द्वारा शासित था। १०७६ इस्वी में गजनी ने राजा जयपाल शाही से इस क्षेत्र को जीत लिया। इसी समय बहुत सी हिंदू जातिया इस्लाम में जाने लगी। इनको अरबो द्वारा शेख का पद दिया गया।
हिन्दुओं के धर्म परिवर्तन के कई कारण थे जिसमे इस्लाम के प्रति झुकाव और आर्थिक दबाव प्रमुख थे। मुस्लिम शासकों शासन में संरक्षण और सामाजिक गतिशीलाता के कारण यह परिवर्तन हो पाया। इसका अन्य कारण जिजिया कर जो धिम्मी (काफ़िर) लोगो पर लगाया जाता था से भी बचा जा सकता था।तत्कालीन कठोर जाति व्यवस्था के कारण दलित जातीय, ऊँची हिंदू जातियों द्वारा सामाजिक अत्याचार अपमान से परेशान होकर सूफीयों द्वारा मुस्लिम बन गई।
हिंदू जातियों का मुस्लिम परिवर्तन मुख्यत: १३ वी और १४ वी सदी में हुआ था। मुस्लिम आक्रांताओं की विजय का इसमे बहुत प्रभाव था। उच्च हिंदू जातियाँ भी मुस्लिम धर्म में आर्थिक, राजनैतिक फायदे के कारण आ गई लेकिन फिर भी उनका सामाजिक ढांचा पूर्ववत ही बना रहा। ये परिवर्तन सामूहिक हुए थे जिसके द्वारा सम्पूर्ण जाति को बचाये जाने की धारणा थी

पाकिस्तान एक विकासशील देश है। सन् 2007 तक पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत की वार्षिक दर से घट रही थी। यहाँ की मुद्रा पाकिस्तानी रुपया है, जो पैसे में बाँटा जा सकता है। एक अमरीकी डालर की कीमत लगभग 104 पाकिस्तानी रुपये (सन् २००६) हैं। सन् 2005 तक पाकिस्तान पर 240 अरब अमेरिकी डॉलर का विदेशी कर्ज था जो अमेरिका द्वारा दिए गए ऋणमाफ़ी और अन्य संस्थाओं द्वारा दिए गए वित्तीय मदद के कारण कम होता जा रहा है पर अब अमेरिका पाकिस्तान की कोई सहायता नहीँ करेगा।

यहाँ की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान कम होता जा रहा है। आज कृषि सकल घरेलू उत्पाद का मात्र 2 फ़ीसदी हिस्सा है जबकि 3 फ़ीसदी सेवा क्षेत्र से आता है। लेकिन राजनीतिक उथल-पुथल के कारण आज यह दिवालिया होने के कगार पर आ गया

पाकिस्तानी राजनैतिक दल
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी - बेनजीर भुट्टो इसी पार्टी से थी। इस पार्टी की स्थापना इनके पिता जुल्फिकार अली भुट्टो ने की थी।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग
मुत्तहिदा मज्लिस-ए-अमल
तहरीक-ए-इन्साफ पार्टी- यह पार्टी मशहूर पाकिस्तानी क्रिकेटर इमरान ख़ान द्वारा स्थपित की गई है।
मुत्तहिदा क़ौमी मूवमेन्ट (एम क्यू एम) इस पार्टी की स्थापना अलताफ हुसैन ने की थी।
अपने प्रथम चरण में यह पार्टी कराची तक सीमित थी। आज इस पार्टी के अंकुर देश के कोने कोने में दिखाई देते है, अब यह पार्टी एक शहर की नहीं देश के चारो प्रान्त की है (द्वारा एम क्यु एम प्रान्तीय कमिटी पेशावर)

जनसंख्या
अगस्त 2017 के आँकड़ों के अनुसार पाकिस्तान की कुल जनसंख्या 20,77,74,520 (लगभग 20.7 करोड़) पाकिस्तान का स्थान विश्व में छठा है,[12][13] यानि इसकी जनसँख्या ब्राजील से कम और रूस से अधिक है। यहाँ की जनसंख्या वृद्धि दर अधिक होने के कारण भविष्य में इसके तेजी से बढ़ने की संभावना है। आम हितों की परिषद 25 अगस्त, 2017 को अस्थाई परिणाम प्रस्तुत की गई। इन परिणामों के अनुसार, पाकिस्तान की कुल आबादी 207.8 मिलियन थी, जो 1 9 वर्षों में 57% वृद्धि का प्रतिनिधित्व करती है। पाकिस्तान की जनगणना के अस्थायी परिणामों में गिलगित-बल्तिस्तान और आज़ाद कश्मीर के आंकड़ों को शामिल नहीं किया गया है,[14] जो कि अंतिम रिपोर्ट में शामिल होने की संभावना है जो 2018 में आ जाएगा।[15][16] ट्रांसजेंडर आबादी पाकिस्तान में 10,418 है, जो 0.005% है।

पाकिस्तान की शहरी आबादी 75.58 मिलियन है, जो देश की आबादी का लगभग 36.4% है। महिला जनसंख्या कुल मुख्यालय का 48.8% है।

प्रमुख जातियों का प्रतिशत है: -

पंजाबी (44.7%),
पश्तून (पठान) (15.4३%),
सिन्धी (14.2%),
मुल्तानी (8.4%),
मोहाज़िर (7.6%),
बलोची (3.4%)।
हाल में अफगानिस्तान में चल रहे युद्धों के कारण कई अफगान शरणार्थी भी इस देश में रहने लगे हैं। यहाँ का प्रमुख धर्म इस्लाम है और लगभग 96 प्रतिशत लोग मुस्लिम हैं (77 प्रतिशत सुन्नी और 20 प्रतिशत शिया)। इसके अलावा 1.85 प्रतिशत हिन्दू और 1.6 प्रतिशत ईसाई यहाँ के प्रमुख अल्पसंख्यक हैं।

पाकिस्तान की संवैधानिक भाषा अंग्रेज़ी और राष्ट्रीय भाषा उर्दू है। पंजाबी यहाँ सबसे अधिक बोली जाने वाली स्थानीय भाषा है पर इसको कोई संवैधानिक दर्जा प्राप्त नहीं है।

जनजातियां
भील - पाकिस्तान की प्रमुख जनजातियों में भील है ।

संस्कृति
पाकिस्तान एक इस्लामिक देश है, अतः यहाँ की संस्कृति पर इस्लाम का प्रभाव रहा है। नृत्य और संगीत पर इस्लाम की पाबंदी की वजह से सार्वजनिक जीवन में इनका प्रचलन उच्च वर्ग तथा निम्न तबके के बीच रह गया है। सूफ़ी मज़ारों पर मेले और अन्य परंपराएँ सदियों से चली आ रही है। । शायर इक़बाल, फ़ैज़ अहमद फैज़, अहमद फ़राज़ के अलावे ग़ालिब, मीर, दाग़, जिगर इत्यादि उर्दू शायरों की गज़ले आज भी पसंद की जातीं हैं। ग़ुलाम अली, मेहदी हसन, नुसरत फतह अली खान और उनके भतीजे राहत फ़तेह अली खान प्रमुख गायक हैं। इसके अलावे फ़ारसी शायरी गाई जाती है - इक़बाल, हाफ़िज़, रूमी, निज़ामी गंजवी, अमीर ख़ुसरो और सादी का कलाम कई जगह गाया और मदरसों में भी पढ़ाया जाता है।

उत्तर-पश्चिम के सूबा सरहद में ट्रकों पर की गई चित्रकारी प्रसिद्ध है

हॉकी यहाँ का राष्ट्रीय खेल है। ट्वेन्टी-ट्वेन्टी विश्व कप 2009 में जीता था इसी कारण क्रिकेट की लोकप्रियता बहुत अधिक है। देश की क्रिकेट टीम ने एक बार विश्व कप (सन् १९९२ में) जीता है। पाकिस्तान में क्रिकेट बहोत लोकप्रिय खेल है।

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