बांग्लादेश दक्षिण एशिया का एक देश

Jan 7, 2023 - 13:24
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बांग्लादेश दक्षिण एशिया का एक देश
बांग्लादेश दक्षिण एशिया का एक देश

बांग्लादेश दक्षिण एशिया का एक देश है। देश की उत्तर, पूर्व और पश्चिम सीमाएँ भारत और दक्षिणपूर्व सीमा म्यान्मार देशों से मिलतीं हैं; दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल एक बांग्लाभाषी अंचल, बंगाल हैं, जिसका ऐतिहासिक नाम बंग या बांग्ला है। इसकी सीमारेखा उस समय निर्धारित हुई जब 1947 में भारत के विभाजन के समय इसे 'पूर्वी पाकिस्तान' के नाम से पाकिस्तान का पूर्वी भाग घोषित किया गया।

बांग्लादेश विश्व में आठवाँ सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जिसकी आबादी 16.4 करोड़ से अधिक है। भू-क्षेत्रफल के मामले में, बांग्लादेश 92 वें स्थान पर है, जिसकी लम्बाई 148,460 वर्ग किलोमीटर (57,320 वर्ग मील) है, जो इसे सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक बनाता है। बंगाली, बांग्लादेश की कुल आबादी का 98% हिस्सा बनाते हैं, जो इसे दुनिया में सबसे अधिक सजातीय राज्यों में से एक बनाता है। बांग्लादेश की बड़ी मुस्लिम आबादी इसे तीसरा सबसे बड़ा मुस्लिम-बहुल देश बनाती है। बंग्लादेश के संविधान ने इस्लाम को राज्य पन्थ के रूप में स्थापित करते हुए बांग्लादेश को एक पन्थनिरपेक्ष राज्य घोषित करता है।

पूर्व और पश्चिम पाकिस्तान के मध्य लगभग 1600 किलोमीटर (1000 मील) की भौगोलिक दूरी थी। पाकिस्तान के दोनों भागों की जनता का धर्म (इस्लाम) एक था, पर उनके बीच जाति और भाषागत काफ़ी दूरियाँ थीं। पश्चिम पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार के अन्याय के विरुद्ध 1971 में भारत के सहयोग से एक रक्तरंजित युद्ध के बाद स्वाधीन राष्ट्र बांग्लादेश का उदभव हुआ। स्वाधीनता के बाद बांग्लादेश के कुछ प्रारंभिक वर्ष राजनैतिक अस्थिरता से परिपूर्ण थे, देश में 13 राष्ट्रशासक बदले गए और 4 सैन्य बगावतें हुई। विश्व के सबसे जनबहुल देशों में बांग्लादेश का स्थान आठवां है। किन्तु क्षेत्रफल की दृष्टि से बांग्लादेश विश्व में 93वाँ है। फलस्वरूप बांग्लादेश विश्व की सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक है। मुसलमान- सघन जनसंख्या वाले देशों में बांग्लादेश का स्थान 4था है, जबकि बांग्लादेश के मुसलमानों की संख्या भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों की संख्या से कम है। गंगा-ब्रह्मपुत्र के मुहाने पर स्थित यह देश, प्रतिवर्ष मौसमी उत्पात का शिकार होता है और चक्रवात भी बहुत सामान्य हैं। बांग्लादेश दक्षिण एशियाई आंचलिक सहयोग संस्था,सार्क(saarc)और बिम्सटेक का प्रतिष्ठित सदस्य है। यह ओआइसी और डी-8 का भी सदस्य है। जय बांग्ला (জয় বাংলা) बांग्लादेश का जातीय स्लोगाण है।

इतिहास

बांग्लादेश में सभ्यता का इतिहास काफी पुराना रहा है। आज के भारत का अंधिकांश पूर्वी क्षेत्र कभी बंगाल के नाम से जाना जाता था। बौद्ध ग्रंथों के अनुसार इस क्षेत्र में आधुनिक सभ्यता की शुरुआत ७०० इसवी ईसा पू. में आरम्भ हुआ माना जाता है। यहाँ की प्रारंभिक सभ्यता पर बौद्ध और हिन्दू धर्म का प्रभाव स्पष्ट देखा जा सकता है। उत्तरी बांग्लादेश में स्थापत्य के ऐसे हजारों अवशेष अभी भी मौज़ूद हैं जिन्हें मंदिर या मठ कहा जा सकता है।

बंगाल का इस्लामीकरण मुगल साम्राज्य के व्यापारियों द्वारा १३ वीं शताब्दी में शुरु हुआ और १६ वीं शताब्दी तक बंगाल एशिया के प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र के रूप में उभरा। युरोप के व्यापारियों का आगमन इस क्षेत्र में १५ वीं शताब्दी में हुआ और अंततः १६वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा उनका प्रभाव बढ़ना शुरु हुआ। १८ वीं शताब्दी आते-आते इस क्षेत्र का नियंत्रण पूरी तरह उनके हाथों में आ गया जो धीरे-धीरे पूरे भारत में फैल गया। जब स्वाधीनता आंदोलन के फलस्वरुप १९४७ में भारत स्वतंत्र हुआ तब राजनैतिक कारणों से भारत को हिन्दू बहुल भारत और मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में विभाजित करना पड़ा।

पाकिस्तान के गठन के समय पश्चिमी क्षेत्र में सिंधी, पठान, बलोच और मुजाहिरों की बड़ी संख्या थी, जिसे पश्चिम पाकिस्तान कहा जाता था, जबकि पूर्व हिस्से में बंगाली बोलने वालों का बहुमत था, जिसे पूर्व पाकिस्तान कहा जाता था। हालांकि पूरबी भाग में राजनैतिक चेतना की कभी कमी नहीं रही लेकिन पूर्वी हिस्सा देश की सत्ता में कभी भी उचित प्रतिनिधित्व नहीं पा सका एवं हमेशा राजनीतिक रूप से उपेक्षित रहा। इससे पूर्वी पाकिस्तान के लोगों में जबर्दस्त नाराजगी थी। और इसी नाराजगी के परिणाम स्वरुप उस समय पूर्व पाकिस्तान के नेता शेख मुजीब-उर-रहमान ने अवामी लीग का गठन किया और पाकिस्तान के अंदर ही और स्वायत्तता की मांग की। 1970 में हुए आम चुनाव में पूर्वी क्षेत्र में शेख की पार्टी ने जबर्दस्त विजय हासिल की। उनके दल ने संसद में बहुमत भी हासिल किया लेकिन बजाए उन्हें प्रधानमंत्री बनाने के उन्हें जेल में डाल दिया गया। और यहीं से पाकिस्तान के विभाजन की नींव रखी गई।

1971 के समय पाकिस्तान में जनरल याह्या खान राष्ट्रपति थे और उन्होंने पूर्वी हिस्से में फैली नाराजगी को दूर करने के लिए जनरल टिक्का खान को जिम्मेदारी दी। लेकिन उनके द्वारा दबाव से मामले को हल करने के प्रयास किये गये जिससे स्थिति पूरी तरह बिगड़ गई। 25 मार्च 1971 को पाकिस्तान के इस हिस्से में सेना एवं पुलिस की अगुआई में जबर्दस्त नरसंहार हुआ। इससे पाकिस्तानी सेना में काम कर रहे पूर्वी क्षेत्र के निवासियों में जबर्दस्त रोष हुआ और उन्होंने अलग मुक्ति वाहिनी बना ली। पाकिस्तानी फौज का निरपराध, हथियार विहीन लोगों पर अत्याचार जारी रहा। जिससे लोगों का पलायन आरंभ हो गया जिसके कारण भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से लगातार अपील की कि पूर्वी पाकिस्तान की स्थिति सुधारी जाए, लेकिन किसी देश ने ध्यान नहीं दिया और जब वहां के विस्थापित लगातार भारत आते रहे तो अप्रैल 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मुक्ति वाहिनी को समर्थन देकर, बांग्लादेश को आजादी मे सहायता करने का निर्णय लिया।

बांग्लादेश बनने से पूर्व

बांग्लादेश बनने से पहले पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना ने स्थानीय नेताओं और धार्मिक चरमपंथियों की मदद से मानवाधिकारों का हनन किया। २५ मार्च १९७१ को शुरू हुए ऑपरेशन सर्च लाइट से लेकर पूरे बांग्लादेश की आज़ादी की लड़ाई के दौरान पूर्वी पाकिस्तान में जमकर हिंसा हुई। बांग्लादेश सरकार के मुताबिक इस दौरान करीब ३० लाख लोग मारे गए। हालांकि, पाकिस्तान सरकार की ओर से गठित किए गए हमूदूर रहमान आयोग ने इस दौरान सिर्फ २६ हजार आम लोगों की मौत का नतीजा निकाला।

स्वतंत्रता दिवस

26 मार्च को प्रत्येक वर्ष यह देश अपना स्वतन्त्रता दिवस मानता है। इस दिन यहाँ राष्ट्रीय अवकाश होता है। उल्लेखनीय है, कि 26 मार्च 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा की गई है और मुक्ति युद्ध शुरू कर दिया गया था। ईस्ट बंगाल के लोगों के सभी वर्गों के मुक्ति के लिए पाकिस्तानी सेना के शासकों के निरंतर उत्पीड़न से बचाने के बांग्लादेश युद्ध में भाग लिया। स्वतंत्रता नौ महीने मानव जीवन के मामले में पाकिस्तानी सेना और के बारे में 3 मिलियन की हानि के खिलाफ गृहयुद्ध के माध्यम से प्राप्त किया गया था। अंत में जीत 16 दिसम्बर को एक ही वर्ष में हासिल किया गया, जो विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस प्रकार सन् १९७१ में पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना।

राजनीति

बांग्लादेश की राजनीति में राष्ट्रपति संवैधानिक प्रधान होता है, जबकि प्रधानमंत्री देश का प्रशासनिक प्रमुख होता है। राष्ट्रपति को हर पाँच साल बाद चुना जाता है। प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, प्रधानमंत्री ऐसे व्यक्ति को चुना जाता है जो उस समय संसद का सदस्य हो और राष्ट्रपति को विश्वास दिलाये कि उसे संसद में बहुमत का समर्थन हासिल है। प्रधानमंत्री अपने मंत्रियों की कैबिनेट गठित करता है जिसके नियुक्ति की मंजूरी राष्ट्रपति देता है।

बांग्लादेश की संसद को जातीय संसद कहा जाता है जिसके 300 सदस्य प्रत्यक्ष मतदान द्वारा चुनकर आते हैं और पाँच साल तक अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। देश की सबसे बड़ी वैधानिक संस्था बांग्लादेशी सर्वोच्च न्यायालय जिसके प्रधान न्यायाधीश और अन्य न्यायधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।

भूगोल

बांग्लादेश का अधिकतर हिस्सा समुद्र की सतह से बहुत कम ऊँचाई पर स्थित है। ज्यादातर हिस्सा भारतीय उपमहाद्वीप में नदियों के मुहाने पर स्थित है जो सुंदरवन के नाम से जाना जाता है। ये मुहाने गंगा (स्थानीय नाम पद्मा नदी), ब्रम्हपुत्र, यमुना और मेघना नदियों के हैं जो बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में अवस्थित हैं जो ज्यादातर हिमालय से निकलती हैं। बांग्लादेश की मिट्टी बहुत ही उपजाऊ है लेकिन बाढ और अकाल दोनों से काफी प्रभावित होती रहती है। पहाड़ी क्षेत्र सिर्फ़ चिटागांग जिले में स्थित हैं जिसकी सबसे ऊँची चोटी केओक्रादांग 1,230 मीटर ऊँची है जो सिलहट मंडल के दक्षिण पूर्व में स्थित है।

बांग्ला देश की जलवायु उष्णकटिबंधीय जलवायु है, यहाँ अक्तूबर से मार्चतक जाड़े का मौसम होता है। मार्च से जून तक उमस भरी गर्मी होती है और मार्च से जून तक मानसून के मौसम की बारिश होती है। बांग्लादेश को प्राय: हर साल चक्र्वातीय तूफान का सामन करना पड़ता है। मिट्टी का अपरदन और वनों की अंधाधुंध कटाई यहाँ की कुछ बड़ी समस्याएँ हैं। ढाका यहाँ का सबसे बड़ा शहर है, अन्य बड़े शहरों में चिटगाँव, राजशाही और खुलना हैं। चिटगाँव के दक्षिण में स्थित काक्स बाजार विश्व के सबसे लंबे समुद्रतटों में से एक है।

जनसांख्यिकी

2011 की जनगणना के अनुसार बांग्लादेश की जनसंख्या 1423.00 लाख है। एक अनुमान के मुताबिक 2007 से 2010 के बीच बांग्लादेश की जनसंख्या 1500 से 1700 लाख के बीच होना चाहिए था, किन्तु अनुमान से कम है, लेकिन यह दुनिया का 8 वां सबसे अधिक आबादी वाला देश है। यद्यपि 1951 में, इस देश की जनसंख्या 44 लाख थी। यह दुनिया का सबसे घनी आबादी वाला देश है और बहुत छोटे देशों तथा शहर राज्यों शामिल कराते हुये जनसंख्या घनत्व के मामले में यह विश्व में 11 वें स्थान पर है। बांग्लादेश ने 2018 सरकारी नौकरियों से आरक्षण का प्रावधान खत्म किया।

राष्ट्रगान

गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर विश्व के एकमात्र व्यक्ति हैं, जिनकी रचना को एक से अधिक देशों क्रमशः भारत और बांग्लादेश में राष्ट्रगान का दर्जा प्राप्त है। उनकी कविता 'आमार शोनार बांग्ला' (हमारा सोने का बांग्ला) बांग्लादेश का राष्ट्रगान है।

भाषा

बांग्लादेश में अपनी मूल भाषा के रूप में 98% से अधिक बंगाली भाषा बोलते हैं, जो यहाँ की आधिकारिक भाषा है। अंग्रेजी का भी मध्य और उच्च वर्ग के बीच एक दूसरी भाषा के रूप में प्रयोग किया जाता है और भी व्यापक रूप से उच्च शिक्षा और कानूनी प्रणाली में इसका इस्तेमाल होता है।

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