भाजपा-आरएसएस की दलित विरोधी मानसिकता पूरी तरह उजागर: आरपीएन सिंह
आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दलित रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला की दुखद आत्महत्या का मुद्दा उठाया। रोहित की मृत्यु उन परिस्थितियों में हुई जो भाजपा के केंद्रीय मंत्री श्री बंडारू दत्तात्रेय द्वारा जानबूझकर करवाई गई थीं।
सिंह ने कहा, 'राजस्थान, हरियाणा, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में दलित नागरिकों पर घोर अत्याचार हुए हैं, यहां तक कि राज्य और केंद्र सरकारों ने भी आंखें मूंद ली हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस तथ्य पर चिंता व्यक्त करती है कि भाजपा-आरएसएस द्वारा भारत के दलितों और पिछड़े वर्गों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है।'
सिंह ने कहा, 'केंद्रीय मंत्री श्री बंडारू दत्तात्रेय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और उनके द्वारा लिखा गया पत्र प्रथम दृष्टया आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला बनता है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मांग करती है कि श्री दत्तात्रेय तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दें, अन्यथा प्रधानमंत्री को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए।'
सिंह ने खेसारी दाल पर लगे प्रतिबंध को हटाने का मुद्दा उठाते हुए कहा, 'खेसारी दाल पर सबसे पहले इसलिए प्रतिबंध लगाया गया था क्योंकि इसके सेवन से लैथिरिज्म नामक एक न्यूरोलॉजिकल विकार होता है - निचले अंगों का पक्षाघात। हम सभी अपनी पाठ्य पुस्तकों में यह पढ़ते हुए बड़े हुए हैं कि इसके सेवन से लैकवा होता है।'
सिंह ने यह भी कहा, 'पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण सेल (पीपीएसी) द्वारा आज गणना के अनुसार, भारतीय बास्केट की अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमत 26.40 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी। 26 मई 2014 को मोदी सरकार के सत्ता संभालने के बाद से इसमें 76% की गिरावट आई है।'
उन्होंने कहा, 'कोई भी यह सोचने पर मजबूर हो जाता है कि डीजल की कीमतों से लगभग 78% लाभ और पेट्रोल की कीमतों से लगभग 83% लाभ किसकी जेब में जा रहा है, अगर सरकार नहीं। लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ.'
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