‘HONEST’ का लेबल उतारने के बाद क्या फ्रेंचाइजी रेस्टोरेंट ‘HONEST’ के ही प्रतिद्वंदी बनेंगे ?

Jan 20, 2023 - 17:50
Jan 20, 2023 - 17:51
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‘HONEST’ का लेबल उतारने के बाद क्या फ्रेंचाइजी रेस्टोरेंट ‘HONEST’ के ही प्रतिद्वंदी बनेंगे ?

HONEST के साथ क्या अब फ्रेंचाइजी ओनर ‘HONEST’ नहीं रह पा रहे ??

HONEST रेस्टोरेंट का ‘NEST’ तूट रहा है क्या ??

क्या एक जैसा टेस्ट नहीं मिलने के कारण ‘HONEST’ की लोकप्रियता कम होती हुई ??

HONEST’ का लेबल उतारने के बाद क्या फ्रेंचाइजी रेस्टोरेंट ‘HONEST’ के ही प्रतिद्वंदी बनेंगे ?

 

HONEST’ जिस नाम को बहोत लोक्चाहना मिली – लेकिन अब जैसे लोकप्रियता का दौर ख़त्म होने की दिशा में बढ़ता क्यों लग रहा है ? अहमदाबाद में आए हुए ‘Time Square’ बिल्डिंग में रेस्टोरेंट जिसकी पहचान पहले थी ‘HONEST’ की, लेकिन अब रेस्टोरेंट तो वहीँ है, बस अब नाम ‘HONEST’ नहीं है. हालांकि रेस्टोरेंट चल भी रहा है अच्छा-ख़ासा.  पाव-भाजी, पुलाव से लेकर वो सभी चीजें मिल रही है – जो ‘HONEST’ के रेस्टोरेंट में होती है. लोग आज भी आ रहे है – खाने का लुफ्त उठा रहे है – उन्हें अब फर्क नहीं पड़ता की वह ‘HONEST’ है या कोई अन्य रेस्टोरेंट.

फ्रेंचाइजी ओनर भी शायद तंग आ जाते है की जगह उनकी, इन्वेस्टमेंट उनका लेकिन पहचान बनती है दूसरे की. 

सुनने में तो यह भी आया है की कमा तो रहे है ‘HONEST’ जिसका नाम है वह, नहीं उतना कमा सकते है जो वह नाम का बोर्ड लगाकर बस धंधा कर रहे है - मतलब है फ्रेंचाइजी ओनर. फ्रेंचाइजी ओनर जो फ्रेंचाइजी के तहत बड़ी रकम अदा करता है कंपनी को. पॉलिसी चलती है कंपनी की – कहने को तो ख़ुद का बिजनेस है – लेकिन सही में ख़ुद के मुताबिक़ चला सकते है क्या ??

कोरोना काल के बाद अब फूड इंडस्ट्री का ट्रेन्ड कुछ बदला-बदला सा है. अब कोई भी रेस्टोरेंट ओनर फ्रेंचाइजी के चक्कर में आना नहीं चाहते, वह जानते है की अगर अच्छा टेस्टी खाना वो भी काफी अच्छे दाम में दिया जाए, अच्छी सर्विस दी जाए- तो वहीँ लोक्चाहना बढाता है. अब वह बोली नहीं बोली जाती की “पाव-भाजी तो ‘HONEST’ की.” अब आप खुद ही सोचो की कॉम्पिटिशन के युग में कब तक कस्टमर - ‘ओनेस्ट कस्टमर’ किसी एक ब्रांड का बना रहेगा ?? अब लोग अलग अलग जगह खाने का लुफ्त उठाना चाहते है. अब जमाना बहोत सारी जगह फ्रेंचाइजी रेस्टोरेंट चलाने वालों का नहीं पर एक जगह कुछ यूनिक थीम लेकर रेस्टोरेंट चलाने वालोँ का है.

अब नए बिजनेस की शुरुआत करने वाले लोग फ्रेंचाइजी नहीं लेना चाहते क्यूंकि अब ‘नाम’ में उतना भी कुछ नहीं रखा.

 

 

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Jalpa Kshatriya Project Director- kalamkartvya.com